
शरद पूर्णिमा पर हुई मां लक्खी की आराधना
संक्षेप: धनबाद में शरद पूर्णिमा पर मां लक्खी की पूजा की गई। यह पूजा आश्विन मास की पूर्णिमा को होती है। विवाहिताओं ने परिवार की सलामती के लिए व्रत रखा और कन्याओं ने अच्छे वर की प्राप्ति के लिए। महिलाओं ने मां...
धनबाद, वरीय संवाददाता शरद पूर्णिमा पर बांग्ला पंचांग के अनुसार सोमवार को मां लक्खी की पूजा की गई। लक्खी पूजा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इसे कोजागरी लक्खी पूजा भी कहते हैं। शहर भर के सभी देवी मंडपों में जहां -जहां मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई थी, वहां पर मां लक्खी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गई। इस दौरान विवाहिताओं ने परिवार की सलामती के लिए व्रत रखा, वहीं कुमारी कन्याओं ने अच्छे परिवार व वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखा। लक्खी पूजा के अवसर पर महिलाओं ने अपने-अपने घर के दरवाजे पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए अल्पना भी बनाई।

शहर के हरि मंदिर, हीरापुर दुर्गा मंदिर प्रांगण सहित कई मंदिरों व देवी मंडपों में सामूहिक रूप से लक्खी पूजा का आयोजन किया गया। महिलाओं व व्रतियों ने रात भर जागरण करके मां लक्ष्मी की अराधना की।

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