कोयला उत्पादक राज्य बनने का बिहार का सपना टूटा
संताल परगना में खुलने से पहले ही बीसीसीएल के विक्रमशिला एरिया का अस्तित्व समाप्त कोयला उत्पादक देश का नौंवा राज्य बनने का बिहार का सपना टूट गया।...

कोयला उत्पादक राज्य बनने का बिहार का सपना टूटा
धनबाद/विशेष संवाददाता
कोयला उत्पादक देश का नौंवा राज्य बनने का बिहार का सपना टूट गया। बिहार में आवंटित दो कोल ब्लॉक को घाटे का सौदा बताकर बीसीसीएल ने कोयला उत्पादन नहीं करने का निर्णय लिया है। उक्त कोल ब्लॉक को सरेंडर करने पर बीसीसीएल बोर्ड की बुधवार को हुई बैठक में स्वीकृति भी दे दी गई। अब कोयला मंत्रालय को बोर्ड के निर्णय से अवगत करा दिया जाएगा। बता दें कि पहली बार बिहार में कोयला खनन की उम्मीद जगी थी, जो अब लगभग खत्म हो चुकी है।
सीएमपीडीआईएल की स्टडी रिपोर्ट के आधार पर कोल ब्लॉक को सरेंडर करने का निर्णय लिया गया है। खनन में देश की सबसे बड़ी विशेषज्ञ एजेंसी सीएमपीडीआईएल ने बिहार के मंदार व पीरपैंती कोल ब्लॉक को घाटे का सौदा बताया है, इसलिए भविष्य में कोई और कंपनी शायद ही इन कोल ब्लॉक में खनन के लिए राजी हो।
हाल ही में बिहार और उससे सटे झारखंड के क्षेत्र में आवंटित चार नए कोयला ब्लॉकों से खनन शुरू करने के लिए बीसीसीएल उस इलाके में अपना क्षेत्रीय कार्यालय शुरू करनेवाली थी। नए एरिया का नाम विक्रमशिला दिया गया था। आवंटित चार-चार कोल ब्लॉक में तीन बिलियन टन कोयले का भंडार होने की बात कही गई थी। करीब 85 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले इस क्षेत्र में छोटे-बड़े 86 गांव हैं। खनन शुरू करने के पूर्व उक्त गांवों का सर्वे किया गया था। सबसे पहले पीरपैंती-बाराहाट स्थित कोल ब्लॉक से कोयला का उत्पादन शुरू करने की योजना थी। 22 स्क्वॉयर किलोमीटर में फैले ब्लॉक में जियोलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार 850 मिलियन टन कोयले का भंडार है। मालूम हो कि 2018 में बीसीसीएल को बिहार व संताल परगना के राजमहल कोयला क्षेत्र में चार कोल ब्लॉक आवंटित किए गए थे। इन कोल ब्लॉकों के अलावा बोकारो के चंदनकियारी स्थित पर्वतपुर कोयला खदान शुरू करने के पक्ष में भी बीसीसीएल नहीं है। फिलहाल, अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। वैसे सीएमपीडीआईएल की शुरुआती जांच में डिग्री थी, इस माइंस में सुरक्षा संबंधी सवाल हैं। उक्त कोल ब्लॉकों को सरेंडर करने के पीछे जो कारण गिनाए गए हैं, वे इस प्रकार हैं।
...इसलिए सरेंडर करने का निर्णय लिया गया
- कोयले का ग्रेड बढ़िया नहीं, रिपोर्ट के अनुसार जी-12 ग्रेड का कोयला है, जिनकी मांग ज्यादा नहीं है
- कोयले का सीम काफी नीचे। ज्यादा ओबी हटाने की जरूरत, मिट्टी पसरने वाली थी, जिसे रखने के लिए बहुत जमीन की जरूरत है
- खनन शुरू करने के पहले 20 हजार से अधिक लोगों का करना पड़ता पुनर्वास
- बरसात में इन क्षेत्र में जलजमाव होने का खतरा। खनन कार्य में परेशानी होने की आशंका व्यक्त की गई