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बाबूराज चंद्रप्रकाश ने सतीश को मारी गोली: गवाह

भाजपा नेता सतीश सिंह की हत्या के मामले में गुरुवार को कोर्ट में गवाही शुरू हुई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ की कोर्ट में मामले में पहली गवाही के...

बाबूराज चंद्रप्रकाश ने सतीश को मारी गोली: गवाह
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,धनबादFri, 17 Sep 2021 05:40 AM
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धनबाद प्रतिनिधि

भाजपा नेता सतीश सिंह हत्याकांड में गुरुवार को कोर्ट में गवाही शुरू हुई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ की कोर्ट में मामले में पहली गवाही के रूप में स्वरूप कुमार दत्ता की गवाही हुई। जब्ती सूची के गवाह स्वरूप ने अदालत के समक्ष अपने को चश्मदीद गवाह के रूप में पेश किया। अदालत में गवाह ने सभी आरोपियों को पहचानने का दावा किया तथा आरोपियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पहचान भी की।

कोर्ट को दिए गए बयान में अभियोजन पक्ष के पहले गवाह स्वरूप कुमार दत्ता ने बताया कि वह मृतक सतीश सिंह को जानता है। सतीश भाजपा के नेता थे। घटना 19 अगस्त 2020 की दोपहर की है। उस समय वह जीतेंद्र सिंह के साथ विकास नगर स्थित गंगू की चाय दुकान पर चाय पी रहा था। उसी समय सतीश गाड़ी से उतरकर पैदल अपार्टमेंट की तरफ जा रहे थे। उसी वक्त दो बाइक उनके पीछे से आई, जिसमें एक पल्सर तथा दूसरी साइन थी। दोनों बाइक पर दो-दो लोग सवार थे। पल्सर के पीछे बाबूराज चंद्रप्रकाश बैठा था। उसने पीछे से सतीश सिंह पर गोली चलाई। गोली सतीश सिंह के गर्दन पर लगी। वे वहीं गिर पड़े। पल्सर उत्तम महतो चला रहा था तथा साइन ललन दास चला रहा था और उसके पीछे सतीश साव बैठा हुआ था। सतीश सिंह के गिरते ही दोनों बाइक विकास नगर होते हुए भाग गए। वह तथा जीतेंद्र सिंह तुरंत वहां पहुंचे और सतीश सिंह को वहां से उठाकर पीएमसीएच ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बैंक मोड़ थाना प्रभारी वीर कुमार शाम साढ़े पांच बजे उनके सामने विकासनगर से एक 9 एमएम का खोखा बरामद किया था। जब्ती सूची पर उसने हस्ताक्षर बनाया था, जिसे अदालत में उसने पहचान की तथा कहा कि जब्ती सूची थाना प्रभारी वीर कुमार द्वारा बनाई गई थी। सतीश के भाई संतोष कुमार सिंह ने बैंक मोड़ थाना में लिखित प्रतिवेदन देकर मुकदमा किया था, जिसमें गवाह के रूप में उसने हस्ताक्षर बनाया है।

घटना के कारण के संबंध में उसने बताया कि सतीश साव उर्फ गांधी सतीश सिंह से पांच लाख रुपए रंगदारी आउटसोर्सिंग मैनेज करने के लिए मांग रहा था। इसी कारण दुश्मनी हुई थी और घटना को अंजाम दिया गया था। गवाही के समय अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तम महतो, ललन दास, बाबू चंद्रप्रकाश तथा सतीश साव उपस्थित थे।

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