परिवहन व्यवस्था पर स्वत: लग गया लॉकडाउन, 60 प्रतिशत बसें ठप
कोरोना के प्रसार से शहर में परिवहन व्यवस्था पर स्वत: लॉकडाउन लग गया है। बरटांड़ स्थित बस स्टैंड का हाल यह है कि यहां से महज 40 प्रतिशत बसों का ही...
धनबाद कार्यालय संवाददाता
कोरोना के प्रसार से शहर में परिवहन व्यवस्था पर स्वत: लॉकडाउन लग गया है। बरटांड़ स्थित बस स्टैंड का हाल यह है कि यहां से महज 40 प्रतिशत बसों का ही परिचालन हो रहा है। शेष 60 फीसदी यात्रियों के अभाव में रोजाना रद्द हो रही हैं। भले ही परिवहन व्यवस्था लॉकडाउन की जद में नहीं है लेकिन यात्रियों ने खुद को ही लॉकडाउन कर रखा है। मिश्रा बस के संचालक रामबालक शर्मा बताते हैं कि कोरोना का इतना भय है कि लोग बस से यात्रा करने से डर रहे हैं। स्थिति यह है कि बसों से डीजल का भी खर्चा नहीं निकल रहा है। ऐसे में बस परिचालन का कोई औचित्य नहीं है। नंबर में बस लगाने के बाद अगर मुकम्मल यात्री नहीं मिलते और बस रद्द करनी पड़ती है तो बचे-खुचे यात्रियों से खरी-खोटी सुननी पड़ती है।
मजदूरों के भरोसे परिवहन व्यवस्था
बस ऑनर एसोसिएशन के संजय सिंह कहते हैं कि ट्रेन से आनेवाले मजदूरों के भरोसे फिलहाल परिचालन व्यवस्था चल रही है। अभी बिहार के यात्री थोड़े-बहुत मिल रहे हैं, लेकिन वापस लौटने के दौरान खाली बसें लानी पड़ती हैं, जो कि इस मंहगाई के दौर में घाटे का सौदा है। वैसे भी सरकार को चाहिए कि जिस तरह कोरोना ने भयावह रूप धारण कर लिया है तुरंत पूर्ण लॉकडाउन लगा दे।
निजी वाहनों और टैक्सी को तरजीह
बसों से भीड़ से बचने के लिए लोग निजी वाहनों और टैक्सी को तरजीह दे रहे हैं। टैक्सी चालक शमसुद्दीन कहते हैं कि लोग ऑटो या बस में भीड़ के साथ सफर करने से बच रहे हैं। टैक्सी पर अकेले सफर करना ऑटो और बस के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि टैक्सी वालों की चांदी हो गई हो क्योंकि बस स्टैंड हो या फिर रेलवे स्टेशन यात्रियों की संख्या ही काफी कम हो गई है। बाहर काम करनेवाले कामगार या फिर बहुत मजबूरी वाले लोग ही सफर कर रहे हैं।
