झारखंड के दो समेत 12 कोल ब्लॉक का ऑक्शन
झारखंड में 12 कोल ब्लॉकों की वाणिज्यिक खनन के लिए नीलामी हुई, जिसमें दो ब्लॉक झारखंड के हैं। जवारदाहा उत्तर और सेरेगढ़ा कोल ब्लॉक में कुल 5,759.23 मिलियन टन का भूवैज्ञानिक भंडार है। नीलामी से 3330...

धनबाद, विशेष संवाददाता झारखंड के दो समेत 12 कोल ब्लॉकों की वाणिज्यिक खनन के लिए नीलामी हुई। इनमें झारखंड स्थित जवारदाहा उत्तर एवं सेरेगढ़ा कोल ब्लॉक शामिल है। जवारदाहा उत्तर कोल ब्लॉक राजमहल क्षेत्र में है। इसमें 510 मिलियन टन कोयला रिजर्व है। झारखंड एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड ने उक्त कोल ब्लॉक के फाइनल बिड जमा किया। वहीं झारखंड के कर्णपुरा क्षेत्र स्थित सेरेगढ़ा कोल ब्लॉक रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने फाइनल बिड दिया। उक्त कोल ब्लॉक में कोयले का रिजर्व 187.290 मिलियन टन है।
इन 12 खदानों में सामूहिक रूप से लगभग 5,759.23 मिलियन टन का भूवैज्ञानिक भंडार है, जिसमें कुल पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) 15.46 मिलियन टन प्रतिवर्ष (एमटीपीए) है। नीलामी में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी गई। नई नीलाम की गई खदानों से लगभग 3330 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व मिलने और लगभग 2319 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश का अनुमान है। इसके अतिरिक्त इन खदानों से 20,902 रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
2020 में वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत के बाद से अब कुल 125 कोयला खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी हुई है, जिसकी उत्पादन क्षमता 273.06 मिलियन टन प्रतिवर्ष है। चालू होने के बाद ये खदानें घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाने और भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। सामूहिक रूप से इन खदानों से 38,767 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होने, 40,960 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश आकर्षित करने और लगभग 4,69,170 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
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लंबे समय बाद ईसीएल का राजमहल क्षेत्र लक्ष्य की दहलीज पर
लंबे समय बाद ईसीएल का राजमहल कोयला क्षेत्र लक्ष्य हासिल करने की दहलीज पर है। कोल इंडिया की ओर से कोयला उत्पादन पर जारी रिपोर्ट के अनुसार इस बार राजमहल कोयला क्षेत्र लक्ष्य हासिल कर लेगा। भूमि विवाद सहित कई कारणों से पिछले कुछ वर्षों से राजमहल कोयला क्षेत्र की स्थिति खराब हो गई थी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह कोयला क्षेत्र बेहतर स्थिति में नजर आ रहा है।
राजमहल कोयला क्षेत्र को चालू वित्त वर्ष में 15.5 मिलियन टन लक्ष्य दिया गया है। फरवरी तक 13.13 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ है। ईसीएल प्रबंधन का दावा है कि हर हाल में लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। मालूम हो कि राजमहल कोयला क्षेत्र संताल परगना की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र है।
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