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प्रशासन कहे तो बड़ा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चलाएगी स्कूल

गुरु गोविंद सिंह एजुकेशन सोसाइटी के साथ 99 साल के लिए नहीं बल्कि 30 साल का लीज हुआ था। लीज रद्द करना बड़ा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अंतिम निर्णय...

प्रशासन कहे तो बड़ा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चलाएगी स्कूल
हिन्दुस्तान टीम,धनबादSun, 18 Feb 2018 01:11 AM
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गुरु गोविंद सिंह एजुकेशन सोसाइटी के साथ 99 साल के लिए नहीं बल्कि 30 साल का लीज हुआ था। लीज रद्द करना बड़ा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अंतिम निर्णय है। स्कूल के बच्चों व शिक्षकों के बारे में सोचा जा रहा है। अगर प्रशासन कहेगा तो प्रबंधक कमेटी स्कूल का संचालन करेगी। उक्त बाते बड़ा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जगजीत सिंह संधू ने पत्रकार से बातचीत में कहीं। कहा कि लीज रद्द होने की सूचना सीबीएसई बोर्ड को दी जाएगी। लीज नहीं रहने पर स्कूल के मान्यता पर संकट होगा।

30 साल का है लीज

2003 में 99 साल का लीज हुआ था। लेकिन यह रजिस्टर नहीं है। 2009 में इसे बदल कर 30 साल के लीज बदला गया, जो 2003 से ही लागू है। यह लीज रजिस्टर है। सीबीएसई बोर्ड से मान्यता नहीं मिलने की स्थिति में सोसाइटी ने ही लीज में परिवर्तन कराया था। झूठी बाते कहकर अभिभावकों को गुमराह करने की कोशिश की गई है।

कैसे शुरू हुआ विवाद

लीज रद्द होने का कारण जमीन है। लीज में जितनी जमीन उन्हें दी गई है उसके अलावा गुरुद्वारा के जमीन पर भी हक जमा रहे है। उन्होंने कहा कि खालसा स्कूल के बच्चों को स्कूल में खेलने नहीं दिया जाता है। गुरुद्वारा के कार्यक्रम के दौरान बसे लगा दी जाती है। पार्किंग के गेट पर ताला लगा दिया जाता है।

पंजाब में लगाया जा रहा है पैसा

आरोप लगाया कि स्कूल से आने वाले पैसे को बच्चों को और बेहतर शिक्षा व अन्य सुविधा देने में खर्च होनी चाहिए। सारे पैसे को अपने और परिवार के भविष्य के लिए पंजाब में लगाया जा रहा है।

भाषा से नहीं लगते है बुद्धिजीवी

सोसाइटी के अध्यक्ष तरसेम सिंह व सचिव सुरेंद्र पाल सिंह ने आपत्ति जनक बाते कही है। भवन को तोड़ने की बात कहने वाले सोसाइटी चलाने के काबिल नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि सूचना मिली है कि परिवार के दो लोगों को शिक्षक बना दिया गया है। मौके पर सचिव तेजपाल सिंह, उपाध्यक्ष बलजीत सिंह, धर्म प्रचार सचिव जगजीत सिंह, रविंदर सिंह, दरबारा सिंह, मलजीत सिंह, इंदरजीत सिंह, राजेंदर सिंह, दिलजॉन सिंह, जीएन कॉलेज के प्राचार्य पी शेखर, खालसा स्कूल के प्राधानाध्यपक भावेशचंद्र झा, कानूनी सलाहकार सोमनाथ चौधरी आदि मौजूद थे।

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