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गांजा भेजने के लिए कबाड़ी से 25 हजार में खरीदी थी कार

निरसा के चर्चित गांजा प्रकरण में जांच की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। जिस टवेरा गाड़ी में गांजा प्लांट कर ईसीएलकर्मी चिरंजीत घोष को जेल भेजा गया था उस टवेरा को महज 25 हजार रुपए में कोलकाता के एक...

गांजा भेजने के लिए कबाड़ी से 25 हजार में खरीदी थी कार
हिन्दुस्तान टीम,धनबादFri, 10 Jul 2020 03:19 AM
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निरसा के चर्चित गांजा प्रकरण में जांच की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। जिस टवेरा गाड़ी में गांजा प्लांट कर ईसीएलकर्मी चिरंजीत घोष को जेल भेजा गया था, उस टवेरा को महज 25 हजार रुपए में कोलकाता के एक कबाड़ी ने खरीदा था। 23 अगस्त की देर रात इसी टवेरा में 39.3 किलोग्राम गांजा लाद कर निरसा के देवियाना मोड़ पहुंचाया गया था। सीआईडी की टीम अब गांजा और टवेरा की गुत्थी सुलझाने में जुट गई है।

टवेरा को जब निरसा लाया गया, उस समय गाड़ी का नंबर प्लेट बदल दिया गया था। गाड़ी के इंजन और चेचिस नंबर की तफ्तीश हुई तो पता चला कि इस गाड़ी का असल मालिक पश्चिम मेदनीपुर शैरंगा का नंदलाल दास है। जांच में पता चला कि नंदलाल ने टवेरा को कोलकाता हनुमान गली मल्लिक बाजार के कबाड़ी मोहन साहू को बेचा था। नंदलाल और मोहन साहू के बीच 25 हजार में गाड़ी बेचने का एक पांच साल पुराना एकरारनामा भी सामने आया है। पुलिस ने कोलकाता में मोहन साहू के लोहा पार्ट्स की दुकान पर दबिश देकर टवेरा के संबंध में जांच करनी चाही तो मोहन अपनी दुकान पर नहीं मिला। उसके घर का भी सत्यापन नहीं हो सका।

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टवेरा मालिक को खोजने के लिए बनी पांच सदस्यीय टीम

सीआईडी एडीजी अनिल पालटा के निर्देश पर धनबाद एसएसपी अखिलेश बी वारियर ने निरसा सर्किल इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह की अगुवाई में एक टीम का गठन किया है। टीम में तीन प्रशिक्षु दारोगा और दो एएसआई को शामिल किया गया है। टीम टवेरा के मालिक मोहन साहू की तलाश कर रही है। उसके नाम और पते का सत्यापन किया जा रहा है। अब मोहन ही बताएगा कि उसने टवेरा किसे बेची थी या फिर वह खुद इस प्रकरण को अंजाम देने में शामिल था।

अवैध कोयले के लिए तस्करों ने निभाई भूमिका

जेल भेजे गए नीरज तिवारी ने सीआईडी के समक्ष खुलासा किया है कि ने राजीव राय ने उसे बताया था कि बंगाल का एक प्रभावशाली आदमी का एक काम करना है। चिरंजीत गांजा का धंधा करता है। यदि उसे पकड़वा दिया जाए तो मिथुन डे उसे बंगाल से कोयले की तस्करी में बड़ा फायदा पहुंचाएगा। जब काम हो गया तो नीरज ने राजीव को कोयला भेजने को कहा तो उसने कहा घबराओ नहीं बंगाल में लाला का बहुत बड़ा सिंडिकेट है। बहुत बड़ा काम शुरू होने वाला है। कोयले की लालच में आकर नीरज ने उसका साथ दिया। सीआईडी की अभी तक की जांच में कहीं भी इस प्रकरण में पैसों के खेल का खुलासा नहीं हुआ है।

चिरंजीत ने अपनी पत्नी पर लगाया था फंसाने का आरोप

सीआईडी जांच के बीच एक चौंकानेवाला सच सामने आया है। दरअसल चिरंजीत घोष जब जेल में था तो उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत याचिका दाखिल की थी। बेल पीटिशन में चिरंजीत ने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी ने डायमंड हर्बर के एक एसडीपीओ के साथ मिलकर उसे फंसाने की साजिश रची है। दोनों के संबंध पर गंभीर टिप्पणी करते हुए पूर्व में धमकी देने का भी आरोप लगाया था। चिरंजीत ने याचिका में यह भी उल्लेख किया था कि इसकी शिकायत उन्होंने बंगाल की सीएम से भी दो बार की थी। हालांकि बाद में चिरंजीत की पत्नी खुद तत्कालीन डीजीपी से मिल कर पति को फंसाने में एसडीपीओ मिथुन डे के हाथ होने की बात बताई थी।

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