मधुपुर में 23 दिनों से ठप है शहरी जलापूर्ति
सप्लाई वाटर के भरोसे जीने वाले लोगों को भारी परेशानी सप्लाई वाटर के भरोसे जीने वाले लोगों को भारी परेशानी सप्लाई वाटर के भरोसे जीने वाले लोगों को भारी...
शहरी जलापूर्ति योजना सफेद हाथी बना है। पिछले 23 दिनों से शहरी जलापूर्ति योजना ठप है। विभिन्न शहरी मोहल्लों में सप्लाई वाटर के भरोसे जीने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोहनपुर पतरो नदी घाट स्थित बेड की सफाई पाइप-लाइन की जर्जर स्थिति के कारण वाटर सप्लाई बंद है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता शहरी जलापूर्ति की देखरेख के लिए राशि का अभाव बताते हैं। योजना वर्षों पुरानी होने के कारण कई तरह की समस्याएं गिनाई जाती है। इधर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार कहते हैं शहरी जलापूर्ति योजना का जिम्मा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जिम्मे है।
बताया जाता है कि बेड की सफाई हो रही है और कई स्थानों पर पाइप लीकेज होने के कारण जलापूर्ति बंद है। शहरी जलापूर्ति योजना मद में खर्च के लिए नगर विकास से राशि का प्रावधान नहीं है। पेयजल विभाग को ऑपरेशनल और मेंटेनेंस खर्च के तहत यह कार्य कराया जा सकता है। नगर परिषद की ओर से कई बार विभाग को लिखा गया है। बता दें 33 साल बाद भी महज 60 घर में पानी का कनेक्शन मिल पाया है। विभाग की उदासीनता और दुर्दशा बताने के लिए यह काफी है। बेलपाड़ा स्थित 1 लाख गैलन क्षमता का पानी टंकी अक्सर खाली रहता है। शहर की आबादी 60 से अधिक हो चुकी है। वार्ड पार्षद शबाना परवीन शहरी जलापूर्ति की दयनीय स्थिति के संबंध में उपायुक्त समेत संबंधित पदाधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया है बावजूद स्थिति जस की तस बनी है।
क्या कहते हैं नपा उपाध्यक्ष
नपा उपाध्यक्ष जियाउल हक टार्जन कहते हैं कि शहरी जलापूर्ति की स्थिति दयनीय है। पूर्व से इस पर ध्यान नहीं दिया गया। पेयजल आपूर्ति ठप होने की शिकायत लगातार मिल रही है। विभागीय अभियंता को शीघ्र जलापूर्ति चालू कराने के लिए कहा गया है।