श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग- 8 नामों की अलग महिमा
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के आठ नाम ‘आत्मलिंग, माधेश्वरलिंग, कामदलिंग, रावणेश्वरलिंग, बैद्यनाथलिंग, मर्गलिंग, तत्पुरुषलिंग और वामदेव या बैजूनाथलिंग की महिमा अपरंपार...
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के आठ नाम ‘आत्मलिंग, माधेश्वरलिंग, कामदलिंग, रावणेश्वरलिंग, बैद्यनाथलिंग, मर्गलिंग, तत्पुरुषलिंग और वामदेव या बैजूनाथलिंग की महिमा अपरंपार है।
शिवमहापुराण में वर्णन है कि ‘ऐतैरस्यामि शंभू पूजयति यो नमामि! तस्मै सर्वे प्रदयात्यत्र बैद्यनाथो न संशय:!! अर्थात श्री बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के इस आठ नामों से जो भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हंै, उनकी हर मनोकामनाएं भगवान श्री बैद्यनाथ पूरा करते हैं। श्री बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के इन आठ नामों में आत्मलिंग के बारे में श्री शिवमहापुराण में वर्णन है कि माता पार्वती कैलाश पर्वत पर इनकी पूजा करती हैं। माधेश्वरलिंग भगवान शिव के अनेक नामों में से एक है। भगवान श्री विष्णु ने अभीष्ट सिद्धि के लिए श्री बैद्यनाथ की उपासना की थी इसलिए इसे कामदलिंग कहा जाता है। भगवान शिव भक्त वत्सल हंै और रावण भगवान शिव के परम भक्त थे इसलिए श्रीबैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को रावणेश्वरलिंग कहा जाता है। एक बार देवताओं के वैद्य श्री अश्विनी कुमार स्वयं बीमार पड़ गए थे। भगवान श्री बैद्यनाथ की शरण पर आने पर वे रोगमुक्त हो गए, तभी से इस ज्योतिर्लिंग को वैद्यों के वैद्य अर्थात श्री बैद्यनाथलिंग कहा जाता है। मर्ग का अर्थ होता है सूर्य जैसा प्रकाशमय। श्री बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग में चन्द्रकांत मणि का तेज है। इसलिए इसे मर्गलिंग कहा जाता है। तत्पुरुष का अर्थ है सर्वोपरि और भगवान शिव सर्वोपरि हैं इसलिए श्री बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का एक नाम तत्पुरुषलिंग भी है।
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