Hindi Newsझारखंड न्यूज़देवघरPartition Horrors Day Sindhi Family s Journey from Pakistan to Devghar s Esteemed Community

बंटवारे में सबकुछ गंवाकर आए, फिर हिन्द की माटी को दिया मान, कमाया खूब नाम

देवघर के प्रतिष्ठित सिंधी परिवार ने पाकिस्तान से आकर संघर्ष के बीच देवघर में नई जिंदगी शुरू की। विभाजन के वक्त सब कुछ छोड़कर आए मुरलीधर राजपाल और उनके परिवार ने पुरोहित की मदद से टावर चौक पर दुकान पाई...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवघरTue, 13 Aug 2024 08:00 PM
हमें फॉलो करें

देवघर/राजकुमार साह अब 14 अगस्त को देशभर में विभाजन विभीषिका दिवस मनाया जाएगा। शहर के कई सिंधी परिवार विभाजन के वक्त पाकिस्तान में सब छोड़कर देवघर आए। संघर्ष के बीच जिंदगी शुरु की और आज शहर के प्रतिष्ठित परिवारों में शामिल हैं। भारत-पाक विभाजन में सबकुछ गंवाकर देवघर आकर यहां अपना मुकाम बनाने वाले सिंधी परिवार में मुरलीधर राजपाल और उनके परिवारजन शामिल हैं। बंटवारे में सबकुछ गंवाकर भारत आए, फिर हिन्द की माटी को मान दिया और यहां खूब नाम कमाया। वहीं विभाजन के वक्त देवघर आए सिंधी परिवार से भारत-पाक विभाजन के समय की बात जब देवघर में रहने वाले सिंधी परिवार के मुखिया मुरलीधर राजपाल से की गई तो उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान विभाजन के समय वह 8 वर्ष के थे। बताया कि वर्ष- 1948 के जनवरी माह में पाकिस्तान के जिला सखर, सबडिविजन रोहिड़ी, हिंगोरा गांव से अपना घर, मकान व जायदाद छोड़कर सपरिवार पानी वाले जहाज से कराची पहुंचे। उस समय परिवार के 40 लोग साथ थे। परिवार में उनके साथ माता-पिता, सास-ससुर, भाई मोहनलाल राजपाल, उनकी पत्नी, उनका पूरा परिवार, 4 बहन-बहनोई और उसका बाल-बच्चा सभी साथ थे। कराची के एक धर्मशाला में वह लोग ठहरे थे। वहां पाकिस्तानियों द्वारा उनके साथ मारपीट कर सारा सामान भी लूट लिया। उसके बाद भारत सरकार से बातचीत कर पूरा परिवार कराची से मुंबई पहुंचा। उसमें भारत सरकार ने काफी मदद की और सारा खर्च भारत सरकार ने भारत आने में की। मुंबई आने के बाद भारत सरकार ने अपने पसंद की जगह उन्हें भेज दिया। परिवार के कुछ सदस्य इलाहाबाद में रुक गए वहीं कुछ लोग बनारस पहुंचे। फिर वहलोग काम के सिलसिले में देवघर आए और यह जगह सबों को पसंद आ गया। उसके बाद देवघर में ही रहने लगे। बताया कि उनके बहन-बहनोई मुंगेर चले गए और वहां रहने लगे।

देवघर के प्रतिष्ठित परिवार में शामिल है सिंधी परिवार : विभाजन के वक्त पाकिस्तान में सब कुछ छोड़कर भारत आने वाले सिंधी परिवार ने संघर्ष के बीच देवघर में जिंदगी शुरू की। अपनी मीनज की बदौलत आज शहर के प्रतिष्ठित परिवारों में शामिल हो गया है। संघर्ष के बारे में जानकारी देते हुए मुरलीधर राजपाल ने बताया कि देवघर में उनके परिवार को यहां के पुरोहित का काफी सहयोग मिला। बताया कि पुरोहित की मदद से ही टावर चौक पर एक दुकान मिल गयी। दोनों भाईयों ने दुकान की। उसके बाद संघर्ष का सिलसिला शुरु हुआ। लेकिन उसके बाद उनके परिवार के सदस्यों ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्तमान में सभी सिंधी परिवार का अपना-अपना व्यवसाय है। सभी अच्छे से रह रहे हैं। यहां रहने वाले सभी सिंधी परिवार प्रतिष्ठित परिवार में शामिल है।

लेटेस्ट   Hindi News,   बॉलीवुड न्यूज,  बिजनेस न्यूज,  टेक ,  ऑटो,  करियर ,और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

ऐप पर पढ़ें