बोरोटांड़ में आंगनबाड़ी नहीं, शिक्षा पर ग्रहण
प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित करीब 2500 की आबादी वाले बोरोटांड़ गांव में आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं रहने से गांव के 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर ग्रहण लगा हुआ है।...
प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित करीब 2500 की आबादी वाले बोरोटांड़ गांव में आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं रहने से गांव के 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर ग्रहण लगा हुआ है। आंगनबाड़ी केन्द्र के अभाव में गांव के किशोरी, धातृ व बच्चों को सामेकित बाल विकास परियोजना से वंचित रहना पड़ रहा है।
सलामत अंसारी, जहांगीर अंसारी, नीता दे, चंद्र दे, गुलबानु बीबी, हैदर मियां, असगर अंसारी, आरिफ अंसारी, सब्बीर अंसारी, लियाकत अंसारी आदि ग्रामीणों का कहना है कि मुस्लिम बाहुल उक्त गांव में अभी तक आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं खोला गया है। बोरोटांड़ गांव के साथ विभाग सौतेलापन व्यावहार कर रही है। ग्रामीणों ने गांव में शीघ्र आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने की मांग विभाग से की है।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में अब शीघ्र आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं खोला जाता है तो वे लोग भी अब चुप नहीं बैठेंगे, अपने हक के लिए आंदोलन करेंगे। कहा कि इसके पूर्व भी विभाग के कई अधिकारी को गांव में आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने के लेकर कई बार मौखिक व लिखित रूप से जानकारी दी लेकिन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके चलते ग्रामीणों में विभाग के प्रति आक्रोश है।