आदिवासी सेंगेल अभियान के सदस्यों ने सौंपा ज्ञापन
पालाजोरी। आदिवासी सेंगेल अभियान के सदस्यों ने विश्व आदिवासी दिवस को संकल्प दिवस दिवस के रुप में मनाते हुए अपने पांच सूत्री मांगों से संबंधित...
पालाजोरी। आदिवासी सेंगेल अभियान के सदस्यों ने विश्व आदिवासी दिवस को संकल्प दिवस दिवस के रुप में मनाते हुए अपने पांच सूत्री मांगों से संबंधित मांगपत्र बीडीओ के माध्यम से राष्ट्रपति को सौंपा। मांगपत्र में आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में सुधार लाने के लिए अविलंब जनतांत्रिक व संवैधानिक मूल्यों और व्यवहार का समावेश किया जाए, भारत के प्रकृति पूजक आदिवासियों को सरना धर्म कोड को अविलंब मान्यता देकर जनगणना में शामिल किया जाए, भारत की एकमात्र संवैधानिक मान्यता प्राप्त आठवीं अनुसूची में शामिल बड़ी आदिवासी भाषा संताली भाषा को अविलंब झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए, असम और अंडमान में शताब्दियों से बस गए झारखंडी आदिवासियों को अविलंब अनुसूचित जनजाति एसटी का दर्जा दिया जाए, भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवंबर 2000 को स्थापित झारखंड प्रदेश दिसम मूलतः आदिवासी प्रदेश है इसको लूटने- मिटने से बचाने के लिए सभी संवैधानिक कानूनी प्रावधानों को सकारात्मक रूप से सक्रिय करने की मांग की गईं। मौके पर सुंदर हांसदा, बाजून बास्की, अनिल मुर्मू, नूनीवाला हेम्ब्रम, बोड़ोधन हेम्ब्रम आदि मौजूद थे।