ज्ञान के माध्यम से ही उचित होता है कर्म : स्वामी श्रीअनन्ताचार्य
देवघर,प्रतिनिधि। साहेब पोखर पार्क देवघर में श्रीमद् भागवत कथा आयोजक समिति के अध्यक्ष आरके सिंह जवाहर द्वारा 31 अक्टूबर मंगलवार से 6 नवंबर सोमवार तक...

देवघर,प्रतिनिधि।
साहेब पोखर पार्क देवघर में श्रीमद् भागवत कथा आयोजक समिति के अध्यक्ष आरके सिंह जवाहर द्वारा 31 अक्टूबर मंगलवार से 6 नवंबर सोमवार तक अपराह्न 2 बजे से संध्या 6 बजे तक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही 7 नवंबर मंगलवार को पूर्णाहुति, हवन एवं महाप्रसाद का वितरण कर श्रीमद्भागवत कथा का सामपन किया जाएगा। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में अयोध्याधाम से आए बालब्रह्मचारी स्वामी श्रीअनन्ताचार्यजी महाराज एवं बालब्रह्मचारी स्वामी श्रीरामचन्द्राचार्यजी महाराज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है। प्रथम दिन कथा सुनने आए श्रद्धालुओं ने श्रीमद्भागवत कथा के ज्ञान गंगा में डुबकी लगाई। इस दौरान उत्तरतोताद्रिपीठाधीश्वर विभीषण कुंड अयोध्या से आए श्रीमद्भागवत कथा वाचक स्वामी श्रीअनन्ताचार्यजी महाराज द्वारा भागवत क्या है, इसकी जानकारी संगीतमय कथा के माध्यम से विस्तार पूर्वक दी गई। कथा के माध्यम से उन्होंने कहा कि बड़े भाग्य से ऐसा अवसर आता है। भागवत को सर्वजन कल्याणार्थ और कण कण में व्याप्त परमात्मा, समस्त जीवात्माओं को मनुष्यों को हमारा स्वरुप सुलभ हो, हम सबके भीतर हैं, लेकिन भागवत बनने से अर्थात भगवान का हो जाने से यह सारा संसार प्रभु का खेल जगत है। यहां भगवान लीला करते हैं, क्रीड़ा करते हैं। उस लीला क्रीड़ा के हम पात्र हैं, एक अंग हैं। खिलौना में शक्ति भरी जाती है, चुड़ी भरी जाती है, हवा भरी जाती है, आवाज करने के लिए, ऐसे ही परमात्मा रुपी शक्ति आवाज बनकर शक्ति बनकर इस शरीर में विराजमान होकर आंखों की कानों की सुगंधी की दुर्गंधी की स्वाद आपको अनुभव कराती है। परमात्मा ने कार्य करने के लिए हाथ दिए हैं। ज्ञान दिखता नहीं लेकिन कर्म दिखता है। ज्ञान के माध्यम से ही कर्म उचित होता है। इसलिए बिना ज्ञान की मुक्ति नहीं मिलती है। बार-बार जन्म लेंगे और बार बार मरते रहेंगे। लेकिन जबतक यह चार अक्षरों वाला भागवत का ज्ञान नहीं मिलेगा, हम अमर हैं यह ज्ञान हमें नहीं मिलेगा। श्रीमद्भागवत कथा को सफल बनाने में संयोजक दिग्विजय सिंह, अनन्त प्रसाद सिंह, प्रदीप भोक्ता, कनिष्क कश्यप सहित अन्य अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इस अवसर पर कथा सुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु श्रीमद्भागवत कथा स्थल पर उपस्थित थे। श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन से पूरे इलाके में भक्तिमय माहौल बना हुआ है।
