सार्वजनिक पुस्तकालयों का समग्र योगदान ज्ञान के संवर्धन का नया युग : सुमन
डॉ. जगन्नाथ मिश्रा कॉलेज जसीडीह में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का समापन हुआ। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. अशोकानंद झा ने भारतीय ज्ञान की परंपरा के बारे में चर्चा की। 20 शोधार्थियों ने अपने...
देवघर,प्रतिनिधि। डॉ. जगन्नाथ मिश्रा कॉलेज जसीडीह में दो दिवसीय अंतरविषयक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का समापन सोमवार को अंतिम सत्र के साथ हुआ। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में डॉ. अशोकानंद झा उपाध्यक्ष तक्षशिला विद्यापीठ देवघर, विशिष्ट अतिथि इग्नू क्षेत्रीय केंद्र देवघर के निदेशक डॉ. पी शरतचंद्रा,डॉ. मनोज कुमार मिश्रा पूर्व प्रोफेसर सलाले विश्वविद्यालय इथोपिया, डॉ. सरोज कुमार मिश्र सहायक निदेशक इग्नू क्षेत्रीय केंद्र देवघर मौजूद थे। पथम सत्र में 20 शोधार्थियों द्वारा शोध विषय का शोध पत्र प्रस्तुत किया। शोधार्थी सुमन कुमारी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और सार्वजनिक पुस्तकालयों का समग्र योगदान ज्ञान के संवर्धन का नया युग, स्वाति कुमारी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक अनुचिंतन एवं विमर्श, रुपलता कुमारी द्वारा बिहार के प्रमुख गजलकारों की कृति में राष्ट्रीय झलक एक विश्लेषण, कुमारी पुष्पांजलि स्वरूप द्वारा वैश्वीकरण के दौर में साहित्य में चित्रित नारी की दशा, राजीव रंजन द्वारा आधुनिक समय में कौटिल्य के अर्थशास्त्र की प्रासंगिकता एक विश्लेषणात्मक अध्ययन, भुवनेश्वर मांझी द्वारा कौटिल्य का सपांग सिद्धांत और इसकी प्रासंगिकता वेदिका एवं प्रशांत कुमार द्वारा मिथिला की ज्ञान परंपरा एक अध्ययन, चंदन कुमार वर्मा द्वारा आर्थिक विकास में प्रधानमंत्री आवास योजना का योगदान के शोध पत्र का प्रस्तुतीकरण किया। सभी विशेषज्ञों द्वारा शोध पत्र विषय के बारे में शोधार्थियों से प्रश्न उत्तर किया गया। सभी शोध पत्र की प्रस्तुति ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों मोड में की गई। विशेषज्ञ कुछ मंच पर उपस्थित थे एवं विदेश के विशेषज्ञ ऑनलाइन से जुड़े हुए थे।
अतिथि,आयोजक समिति एवं शोधार्थियों का हुआ अभिवादन: आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. सरोज कुमार मिश्रा द्वारा सभी अतिथियों, आयोजक समिति एवं शोधार्थियों का अभिवादन एवं आभार प्रकट किया गया। मुख्य अतिथि अशोकानंद झा द्वारा भारतीय ज्ञान की परंपरा को किस प्रकार आगे बढ़ाया जाए एवं इसके विरासत की भी चर्चा की। उन्होंने अपनी ओर से शोधार्थियों को शुभकामनाएं दी। प्रो.रामानंद सिंह ने कहा कि शोधार्थियों के लिए एक ऐसा मंच दिया गया, जिससे उनके शोध पत्र को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान हुआ। इग्नू अध्ययन केंद्र 7012 के सहायक समन्वयक प्रो.अनंत कुमार सिन्हा ने भारतीय ज्ञान का मूल तत्व मन की शांति, और मन की शांति स्थिरता से आएगी। स्थिरता के लिए ध्यान की आवश्यकता होती है। ध्यान बिना गुरु ज्ञान के संभव नहीं है। गुरु बिन ज्ञान नहीं,गुरु बिन ध्यान नहीं। मौके पर मंच का संचालन डॉ. विजय शंकर ने किया। अंत में इग्नू अध्ययन केंद्र के समन्वयक डॉ. रामकृष्ण चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं कार्यक्रम को सफलता पूर्वक संपन्न कराने में कॉलेज शासी निकाय के सचिव विकास चंद्र मिश्र, प्राचार्य हिमांशु शेखर दुबे, डॉ. किशोर कुमार झा, प्रो. अनन्त कुमार सिन्हा, परशुराम प्रसाद राय, अमरेंद्र पाठक, आशीष दास, महादेव पंडित, चन्द्र किशोर चौधरी, जय चंद यादव, शिरोमणि राय, संजय गुप्ता, शिव नारायण यादव, उमेश यादव का सराहनीय योगदान रहा। शुभा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के निदेशक हिमांशु देव के परिश्रम एवं सक्रियता के कारण यह कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
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