धनबाद में 20 साल में भी नहीं बन सका तारामंडल
धनबाद में 20 साल में भी तारामंडल नहीं बन पाया। शहर के बीचों बीच आईआईटी आईएसएम धनबाद के मेन गेट के सामने अवस्थित तारामंडल का भवन अधूरा होने के साथ ही...
धनबाद में 20 साल में भी तारामंडल नहीं बन पाया। शहर के बीचों बीच आईआईटी आईएसएम धनबाद के मेन गेट के सामने अवस्थित तारामंडल का भवन अधूरा होने के साथ ही अन्य प्रक्रियाएं भी पूरी नहीं हो पाई। वर्ष 2002 में तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री समरेश सिंह ने तारामंडल के नाम से इसका शिलान्यास किया था। उसके बाद भवन निर्माण शुरू हुआ। लगभग 45 लाख रुपए की लागत से भवन को पूरा करना था। लगभग 20 लाख रुपए से अधिक खर्च भी हुआ। उसके बाद मंत्री के बदलने के बाद काम रूक गया।
भवन प्रमंडल विभाग ने विभागीय स्तर पर इसे दो बार शुरू कराया। फिर फंड की कमी व अन्य कारणों से यह अधूरा रह गया। 20 साल बाद भी इसपर न तो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ध्यान दे रहा है और न ही भवन प्रमंडल ही आगे आ रहा है। बताते चलें कि कई वर्ष बाद कहा गया है कि इसे जिला विज्ञान केन्द्र के रूप में डवलप किया जाएगा। जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी इसपर कभी ध्यान नहीं दिया। इसका सबसे अधिक फायदा स्कूली छात्र-छात्राओं को होता। शुरुआत से ही विज्ञान के प्रति दिलचस्पी बढ़ती। तकनीकी संस्थान के छात्र-छात्राएं भी लाभान्वित होते।
आईआईटी को भी नहीं मिला
पांच साल पहले जिला प्रशासन व आईआईटी धनबाद के अधिकारियों संग बातचीत में इसपर सहमति बनी थी कि जिला विज्ञान केन्द्र के रखरखाव की जिम्मेवारी आईआईटी आईएसएम धनबाद को दी जाए। यहां म्यूजियम समेत अन्य सुविधाएं आईआईटी धनबाद की ओर से विकसित की जाएगी, लेकिन यह बात फाइल में नहीं उतर पाई। बातचीत मौखिक ही रह गई। यही कारण है कि आईआईटी ने भी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई।