अस्पताल में उपलब्ध दवा लिखने के लिए किया जाएगा गाईडलाईन जारी
काफी मरीजों को बाहर से लेनी पड़ती है दवा काफी मरीजों को बाहर से लेनी पड़ती है दवा सदर अस्पताल में मौजूद है सारी जांच की...
देवघर। प्रतिनिधि
अक्सर देखा जाता है कि सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों को सभी दवाईयां अस्पताल में ही उपलब्ध नहीं हो पाती है। ज्यादातर मरीजों को बाहर पैसे देकर दवा खरीदनी पड़ती है। इसको लेकी सीविल सर्जन डॉक्टर सीके शाही ने कहा कि सदर अस्पताल में सभी तरह की दवा उपलब्ध है। लेकिन अस्पताल के डॉक्टर इलाज के दौरान कुछ बाहरी दवाईयां भी लिख देते हैं। जिसकी वजह से दूर-दराज से इलाज कराने देवघर सदर अस्पताल पहुंचे गरीब तबके के मरीजों को परेशानी होती है। सीएस ने कहा कि इसको देखते हुए जल्द ही एक गाईडलाईन जारी किया जाएगा। जिसके तहत अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर मरीजों को वैसी दवाही प्रिसक्राईब करेंगे जो हमारे पास उपलब्ध हो। उनहोंने कहा कि वर्तमान में सदर अस्पताल में कॉटन, बैंडेज, सिरिंच सहित अन्य सभी तरह की दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। साथ ही सदर अस्पताल में सभी तरह के जांच की भी व्यवस्था उपलब्ध है। सरकारी जांच घर के साथ-साथ पीपीपी मोड पर एसआरएल व मनिपाल हेल्थ मैप का जांच घर सदर अस्पताल में संचालित है। इस जांच लैब में बाजार से करीब आधी किमत पर सभी तरह की जांच की सुविधाएं उपलब्ध है। जिससे मरीजों को काफी सहुलियत मिलती है। सीएस ने कहा कि श्रावणी मेला को देखते हुए भी सभी दवाईयों का स्टॉक कर लिया गया है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तत्पर है।
पालोजोरी : नाम बढ़े और दर्शन छोटे, सिर्फ रेफर किए जाते हैं मरीज : ऐसे तो पालोजोरी प्रखंड में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आज से 13 साल पूर्व से ही शुरू है। लेकिन अपने स्थापना काल से ही यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पालोजोरी की 1 लाख 10 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सुविधा देने में विफल रहा है। इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वैसे तो बुखार, मलेरिया डायरिया ,सर्दी ,खांसी, जुकाम आदि से संबंधित रोगों की दवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावे कॉटन, बैंडेज, सिरिंज आदि भी उपलब्ध रहते हैं। अगर जटिल रोगों से जुड़े मरीज पहुंचते हैं तो उन्हें सीधे रेफर कर दिया जाता है। इसका एक कारण यहां चिकित्सकों की पर्याप्त मात्रा में पदस्थापित न रहना भी है। इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वर्तमान में 2 चिकित्सक के अलावे चार आयुष चिकित्सक पदस्थापित हैं। इतनी बड़ी आबादी के लिए मात्र 2 चिकित्सक पदस्थापित रहना समझ से परे है। इस सीएचसी में ना तो किसी तरह की जरूरी जांच की सुविधा है और ना ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों को अन्य किसी तरह की सुविधाएं मुहैया हो पाती है। लोग यहां इलाज कराने कम ही आते हैं। प्रत्येक दिन 20 से 25 लोग ही ओपीडी में इलाज कराने आते हैं।
जसीडीह सीएचसी केंद्र में डॉक्टर की सलाह व दवा मुफ्त, जांच बाहर से : जसीडीह सीएचसी क्षेत्र की एक लाख आबादी को स्वास्थ सेवा के लिए स्वास्थ केंद्र पर दवा के अलावा कोई जांच सुविधा मौजूद नहीं है। हालांकि कुछ मरीजों को दवा बाहर से भी लेनी पड़ती है। हर दिन ओपीडी में 50 से 60 मरीज सीएचसी में इलाज हेतु पहुंचते हैं। मगर चिकित्सक की सलाह एवं कुछ दवा के अलावा जांच की सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को बाहर से जांच करवाना उनकी मजबूरी हो गई है। इस संबंध में चिकित्सक व कर्मियों ने बताया कि फिलहाल श्रावणी मेला की तैयारी को लेकर लगभग सभी तरह की दवाएं , काँटन बैंडेज से लेकर सिरिंज समेत अन्य दवा उपलब्ध है। हालांकि गर्भवती महिलाओं को सीएचसी द्वारा देवघर सदर अस्पताल में स्थित स्वास्थ जांच केंद्र में निशुल्क जांच कराया जाता है। जिसकी न्यूनतम राशि पीएचसी द्वारा दी जाती है। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, ब्लड बैंक की फिलहाल सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। औसतन प्रत्येक दिन ओपीडी में 50 से लेकर 65 तक मरीजों का आना जाना लगा रहता है।
