साइबर क्राइम करते चार युवक चढ़े पुलिस के हत्थे, जेल
साइबर पुलिस ने मोहनपुर थाना क्षेत्र के सिमरजोर स्कूल के पीछे की छापेमारी साइबर पुलिस ने मोहनपुर थाना क्षेत्र के सिमरजोर स्कूल के पीछे की...
देवघर। प्रतिनिधि
पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र जाट को साइबर क्राइम की मिली गुप्त सूचना के आधार पर साइबर डीएसपी सुमित प्रसाद की अगुवायी में छापेमारी कर चार आरोपियों को रंगेहाथ दबोचा गया है। साइबर डीएसपी ने टीम गठन कर मोहनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत उच्च विद्यालय सिमरजोर के पीछे छापेमारी कर साइबर क्राइम करते चारों युवकों को पकड़ा है। वहीं पुलिस की गाड़ी आती देख कई आरोपी मौके से फरार होने में भी सफल हो गए। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में फरार होने वाले युवकों की जानकारी मिल गयी है। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करायी जा रही है। गिरफ्तार चारों युवकों में सिमरजोर गांव निवासी सीताराम मंडल का 19 वर्षीय पुत्र विकास कुमार, तरुण कुमार मंडल का 19 वर्षीय पुत्र विशाल कुमार, दुमका जिला अंतर्गत सरैयाहाट थाना क्षेत्र के मंडलडीह गांव निवासी मुकेश मंडल का 21 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार व घुठियाबड़ा असहना गांव निवासी परमानंद मंडल का 24 वर्षीय पुत्र छोटू कुमार मंडल शामिल है। पकड़े गए चारों युवकों से पुलिस ने 8 मोबाइल 13 सिम कार्ड जब्त कर लिया है। इसकी जांच टेक्निकल सेल द्वारा करायी जा रही है। उक्त जानकारी बुधवार को साइबर डीएसपी सुमित प्रसाद ने साइबर थाना में पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान कई युवक साइबर क्राइम कर रहे थे। पुलिस ने रंगेहाथ चार युवकों को दबोच लिया। वहीं कई युवक झाड़ियों का फायदा उठाकर फरार भी हो गये। जिसकी पूरी जानकारी पुलिस को मिल गयी है। साइबर डीएसपी ने बताया कि दुमका जिला अंतर्गत सरैयाहाट थाना क्षेत्र के मंडलडीह गांव का राहुल कुमार मंडल मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। वह सिमरजोर गांव में रहकर युवाओं को साइबर क्राइम करने की ट्रेनिंग देता था। बताया कि राहुल की संपत्ति करोड़ों में है। बताया कि गिरफ्तार चारों अपराधियों द्वारा साइबर क्राइम करने की बात स्वीकार कर ली गयी है। सभी युवक इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के अधिकारी बनकर कस्टमर को फोन कर बिल बकाया होने की बात कहकर नहीं देने पर कनेक्शन काटने की बात कह उपभोक्ताओं के मोबाइल पर लिंक भेजकर चंद मिनटों में खाते में पड़ी पूरी रकम साफ कर देते थे।
कई ऐप के माध्यम से करते हैं साइबर ठगी : साइबर डीएसपी ने बताया कि पकड़े गए युवकों द्वारा साइबर क्राइम करने की बात स्वीकार करते हुए कैसे साइबर क्राइम किया जाता है के बारे में जानकारी दी है। बताया कि साइबर फ्रॉड द्वारा लोगों के मोबाइल पर फोन कर कई एप जैसे स्क्रीन शेयरिंग एप, यूपीआई, एनीडेस्क के अलावा अन्य कई ऐप डाउनलोड करा उससे जुड़ी जानकारी प्राप्त कर चंद मिनटों में उपभोक्ता के खाते की रकम अपने नाम कर लेते हैं। इसके अलावे कई तकनीकी व्यवस्था के माध्यम से लोगों को मूर्ख बनाकर उनका रुपया अपने नाम कर लेते हैं।
कई साथियों का नाम स्वीकारा : जानकारी के अनुसार पकड़े गए चार साइबर अपराधियों ने साइबर डीएसपी को अपने ही गांव के अलावे घोरमारा, बांक, लतासारे, मोरने, चांदनाठाड़ी मोड़, बसडीहा, पहाड़पुर आदि गांव के कई युवकों का नाम लिया है। उसके बारे में पुलिस पता लगाने जुट गयी है।
कई युवकों की संपत्ति अकूत : जानकारी के अनुसार गिरफ्तार चारों युवकों की संपत्ति अकूत है। बताया जाता है कि गिरफ्तार युवक का पिता 5 वर्ष पूर्व मजदूरी करता था, लेकिन आज चमचमाती नयी गाड़ी, बंगला का मालिक बन गया है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।
दलाल की तलाश शुरू : चारों युवकों द्वारा साइबर डीएसपी को पुलिस के नाम पर साइबर आरोपियों से पैसा ऐंठने की भी बात बतायी गयी है। साइबर डीएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दलाल की तलाश शुरू कर दी है, जो ग्रामीण क्षेत्र इलाकों में साइबर क्राइम करने वाले युवक को पुलिस का धौंस दिखाकर पैसा ऐंठने का काम करता है।
