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देवघर: गोलीबारी और लूटपाट ने खोली पोल

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ की नगरी में लगे विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले के दौरान गोलीबारी व लूट मामले ने पूरी पुलिस व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। बाबा वैद्यनाथ...

देवघर: गोलीबारी और लूटपाट ने खोली पोल
हिन्दुस्तान टीम,देवघरSat, 04 Aug 2018 10:40 PM
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द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ की नगरी में लगे विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले के दौरान गोलीबारी व लूट मामले ने पूरी पुलिस व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। बाबा वैद्यनाथ मंदिर से महज कुछ मीटर की दूरी पर वैद्यनाथ लेन में जिस प्रकार मेला कमाने आए होटल संचालक नरेन्द्र साह को गोली मारकर 1.5 लाख रुपए लूट के साथ रंगदारी मांगे जाने के मामले ने बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस श्रावणी मेले के नाम पर देवघर में अतिरिक्त 2 हजार पुलिस अधिकारी व 10 हजार पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। वहीं जिले की पूरी फौज को तो मेला के नाम पर लगा ही दिया गया है। बावजूद इस प्रकार की घटना ने पूरी व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल कर दिए हैं। जिस बाबा वैद्यनाथ मंदिर व श्रावणी मेला के नाम पर चप्पे-चप्पे में पुलिस की व्यवस्था का दावा किया जा रहा उसी देवघर के बाबा मंदिर से महज कुछ गज की दूरी पर भीड़-भाड़ वाले इलाके में रंगदारी व लूट के साथ गोली मार दिए जाने की घटना ने पूरे तंत्र को लेकर सवाल खड़े करने का काम किया है। इस घटना से ना सिर्फ एक होटल संचालक प्रभावित हुआ है बल्कि पूरे मेला पर इसका प्रभाव पड़ा है। खासकर मेले के दौरान यहां पर दुकान लगाने के लिए बिहार समेत अन्य प्रांतों से आने वाले दुकानदारों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। बाहर से मेले में आए दुकानदार सघन मेला क्षेत्र में हुई इस वारदात को लेकर सहमे हैं। इतनी बड़ी पुलिस फोर्स पर चंद अपराधकर्मी भारी पड़ रहे हैं। दुकानदार खुद को सुरक्षित नहीं समझ रहे हैं। मेले में आए अन्य दुकानदारों को भी अब अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। मेले के दौरान सघन मेला क्षेत्र में मोटी रकम देकर जमीन अथवा दुकान किराए पर लेने के बाद इस प्रकार की रंगदारी, लूट व गोलीबारी की घटना का प्रभाव आने वाले वर्षों में अगर यहां पड़ जाए तो आश्चर्य नहीं। हालांकि इस घटना को लेकर पुलिस का अपना दावा है कि इस घटना में संलिप्त अपराधकर्मी की पहचान कर ली गयी है और उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी भी करायी जा रही है। पुलिस अपराधकर्मी को जल्द पकड़ लेने की बात भी कर रही है लेकिन वास्तविकता यह है कि इस घटना ने अपराधकर्मियों का मनोबल बढ़ाने का काम किया है जबकि पुलिस का मनोबल गिरा है। वहीं इन दोनों के बीच मासव्यापी श्रावणी मेले में बाबानगरी में व्यवसाय करने के उद्देश्य से पहुंचने वाले लोगों के मन में भय का माहौल भी बन गया है। अगर इस प्रकार की घटना को लेकर व्यवसायियों ने अपना मन बदलना शुरू कर दिया तो निश्चित रूप से इसका प्रभाव मेला में देखने को मिलेगा। इतना ही नहीं देवघर की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका का निर्वाह करने वाले व्यवसायियों का यहां से मोहभंग होने से प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

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