श्रावणी मेला : चौथी सोमवार पर उमड़े श्रद्धालु
- 2.5 लाख से अधिक के जलार्पण की संभावना - 2.5 लाख से अधिक के जलार्पण की संभावना - जलार्पण को आज नहीं मिलेगा शीघ्र दर्शनम् कूपन - 21वें दिन भी कांवरियो
देवघर कार्यालय संवाददाता राजकीय श्रावणी मेला, 2024 की चौथी सोमवारी को लेकर रविवार को बाबानगरी कांवरियों व श्रद्धालुओं से पट गया है। संभावना जतायी जा रही है कि सोमवारी पर 2 लाख 50 हजार से अधिक कांवरियों व श्रद्धालुओं की ओर से बाबा वैद्यनाथ पर जलार्पण किया जाएगा। हालांकि श्रावणी मेले की चौथी सोमवारी पर भी जलार्पण के लिए श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शनम् कूपन नहीं मिल सकेगा। उधर श्रावणी मेले के 21वें दिन रविवार को प्रातः 04:18 बजे बाबा वैद्यनाथ मंदिर का पट खुलने के बाद पुरोहितों की प्रात:कालीन कांचा जल पूजा के उपरांत सरकारी पूजा पुजारी की ओर से की गयी। उसके बाद अर्घा के माध्यम से जलार्पण शुरू हो गया। कांवरियों की कतार तड़के सुबह लगभग चार किलोमीटर दूर बीएड कॉलेज तक पहुंच गयी थी। कभी धूप तो कभी छांव के बीच उमस भरे मौसम के बीच अपराह्न बेला में झमाझम बारिश के बीच कांवरियों व श्रद्धालुओं ने कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ का जलाभिषेक किया। जलार्पण के लिए कतारबद्ध कांवरियों को बीएड कॉलेज, तिवारी चौक, पंडित शिवराम झा चौक, नेहरू पार्क, क्यू कॉम्प्लेक्स से मानसिंघी फुट ओवरब्रिज, संस्कार मंडप होते हुए बाबा वैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह के बाहर मंझला खंड में लगे अर्घा के माध्यम से जलार्पण कराया गया। समाचार लिखे जाने तक कांवरिए नेहरू पार्क में कतारबद्ध होकर फुट ओवर ब्रिज से होकर बाबा मंदिर की ओर बढ़ ही रहे थे। मेले के 21वें दिन भी कांवरियों व श्रद्धालुओं को 600 रुपए में शीघ्र दर्शनम का कूपन प्रशासनिक के अलावा पंडा धर्मरक्षिणी सभा के काउंटर से मिला। शीघ्र दर्शनम् कूपन लेने वालों की कतार बाबा वैद्यनाथ मंदिर के पश्चिमी द्वार से सटे नाथबाड़ी से लगायी गयी। 1 लाख 70 हजार से अधिक कांवरियों व श्रद्धालुओं ने कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ पर जलार्पण कर मंगलकामना की।
आकर्षक वेशभूषा व कांवर लेकर बाबा दरबार पहुंच रहे कांवरिए : राजकीय श्रावणी मेला के दौरान पूरे माह लाखों की संख्या में श्रद्धालु द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ कामनालिंग पर जलार्पण करने के लिए पहुंचते हैं। बाबा वैद्यनाथ की नगरी देवघर देवों का घर है। भगवान शिव को मनाने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु कांवर लेकर उत्तरवाहिनी गंगाघाट से पैदल आते हैं। वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालु दंड देते हुए बाबानगरी तक पहुंचते हैं। वहीं कोई रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर अलग-अलग वेशभूषा में आते हैं। हालांकि सभी की इच्छा होती है कि बाबा वैद्यनाथ को किसी भी तरह मना लें। कांवरिया पथ से लेकर बाबा वैद्यनाथ मंदिर तक सबसे अद्भूत और आकर्षक नजारा श्रद्धालुओं द्वारा जल लेकर लाने वाले कांवर का है। आकर्षक ढंग से अपने कांवर को सजाकर श्रद्धालु बाबाधाम आते हैं। ऐसे कांवर सभी के आकर्षण का केंद्र होता है। यह कांवर जहां से गुजरते हैं, वहां लोग कौतहुलवश देखने लगते हैं। इस मनमोहक कांवर की सुंदरता की सराहना किए बिना नहीं रह पाते हैं।