2024 चतरा लोकसभा के लिए स्वर्णिम वर्ष रहा
चतरा लोकसभा के 67 वर्षों बाद कालीचरण सिंह को स्थानीय सांसद बनने का मौका मिला। भाजपा ने स्थानीय प्रत्याशी को प्राथमिकता दी, जिससे मतदाताओं ने उन्हें समर्थन दिया। पहले चतरा क्षेत्र के सांसद बाहर के होते...

सिमरिया, निज प्रतिनिधि। चतरा लोकसभा गठन के 67 वर्षों बाद स्थानीय सांसद बनने का मौका कालीचरण सिंह को मिला। चतरा लोकसभा का गठन 1957 ई में हुआ था। लंबे समय तक यहां बाहर के प्रत्याशी सांसद बनते रहे। जिसके कारण चतरा का विकास अपेक्षित रहा। इस बार भाजपा ने आमजन मानस की भावना को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रत्याशी कालीचरण सिंह को मौका दिया। यहां की मतदाता भाजपा के फैसले पर मोहर लगाकर कालीचरण सिंह को विजय बनाकर लोकसभा में भेजने का काम किया। यह शुभ दिन चतरा के लोगों को 67 वर्ष बाद मिलने के बाद काफी खुश है। आजादी के बाद पहले लोकसभा का चुनाव 1952 ई में हुआ था। उस समय चतरा-हजारीबाग एक ही लोकसभा में था। चतरा लोकसभा का गठन 1957 में चतरा गया और पलामू के विधानसभा शामिल कर किया गया था। चतरा लोक सभा में पहला चुनाव रामगढ़ राज के कुंवर बसंत नारायण सिंह की पत्नी विजय राजे ने जीती । वह लगातार 1962 और 1967 में भी चुनाव जीतकर यहां का प्रतिनिधित्व किया। 1971 ई में कांग्रेस के डॉक्टर शंकर दयाल सिंह विजय राजे को पराजित कर चुनाव जीते। 1977 में सुखदेव प्रसाद वर्मा, 1980 में रणजीत सिंह, 1984 में योगेश प्रसाद योगेश, 1989 में उपेंद्रनाथ वर्मा, 1991 में उपेंद्रनाथ वर्मा, 1996 में धीरेंद्र अग्रवाल, 1998 में धीरेंद्र अग्रवाल, 1999 में नागमणि चुनाव जीते। झारखंड गठन के बाद भी 2004 में धीरेंद्र अग्रवाल, 2009 में इंदर सिंह नामधारी, 2014 में सुनील सिंह, 2019 में सुनील सिंह सांसद बने। सभी प्रत्याशी चतरा से बाहर की थे। पहला मौका यहां कि मतदाताओं को स्थानीय सांसद चुनने को मिला।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।