नीलगाय ने 280 पौधे को किया बर्बाद
पौधारोपण को अपनी जिंदगी बनाने वाले अब अपने पौधे की बर्बादी पर देंगे अपनी जान, पौधों को अपने पुत्र मानने वाले किसान विनय सिंह ने दिया आत्मदाह की चेतावन

हंटरगंज, निज प्रतिनिधि। कल तक पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण को अपनी जिंदगी बताने वाले किसान विनय सिंह के मौत का कारण भी आज उनका पौधारोपण के प्रति अटूट प्रेम ही बनने वाला है। हंटरगंज के झिकटिया गांव के वृद्ध किसान विनय सिंह अपनी जिंदगी को पूरी तरह से पौधारोपण और वन संरक्षण के नाम कर चुके हैं। उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण का कार्य बनकर रह गया है। अपने इस उद्देश्य के तहत उन्होंने अपने 2 एकड़ जमीन पर 280 पौधा अपने खेत में लगाया था। जिसे वह अपने बच्चों की तरह लगातार सींच रहे थे। लेकिन वन्य जीव नीलगाय इनके जीवन के इस उद्देश्य पर ग्रहण लगा दिया। पूरी तरह से तैयार हो चुके उनके 280 पौधा को नीलगाय ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया । फिर भी उन्होंने हार नहीं माना और दोबारा उन्होंने पौधारोपण का कार्य किया। लेकिन दुर्भाग्य रहा की दूसरी बार भी पौधा को तैयार होने के बाद नीलगाय के द्वारा पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया। अपने पौधों को बचाने के लिए लगातार किसान विनय सिंह प्रयासरत रहें। जाड़ा, गर्मी, बरसात अपने पौधों की रक्षा के लिए 24 घंटे खेतों में ही बिताते रहे। इसके बावजूद वृद्ध किसान नीलगायों के आतंक से अपने पौधों को नहीं बचा पाए। अपने जीवन की पूरी कमाई पौधारोपण और उसके बचाव के लिए पिलर और कांटे की तार से घेराबंदी करने में खर्च कर दिया। इसके बावजूद भी वह पौधों को बचाने में नाकाम रहे। वन विभाग से लगातार अपने पौधों की सुरक्षा की गुहार लगाते रहे। लेकिन इस दिशा में कोई पहल वन विभाग के द्वारा नहीं किया गया। विभाग के लापरवाह रवैया से आहत होकर 2 वर्ष पूर्व उन्होंने आत्मदाह करने का प्रयास किया। लेकिन वन विभाग ने उन्हें उनके पौधों की सुरक्षा करने और बर्बाद हुए पौधों के मुआवजा देने का आश्वासन देकर उन्हें ऐसा करने से रोक लिया। लेकिन वन विभाग का यह आश्वासन सिर्फ हवा हवाई ही साबित हुआ। आज भी अपने पौधों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे सुनसान जगह पर अपना जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। इस बार उन्होंने फिर से अपने पौधों की सुरक्षा के लिए अपने सपनों के इस बगिया में आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है। साथ ही उन्होंने बताया कि अगर एक सप्ताह के अनशन के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वह अपने इसी बगिया में अपनी जीवन लीला को समाप्त कर लेंगे। वृद्ध किसान विनय सिंह का पौधारोपण के प्रति प्रेम आज भी क्षेत्र के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षक किसान विनय सिंह के प्रति वन विभाग को गंभीर होना आवश्यक प्रतीत होता है। साथ ही स्थानीय सांसद विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी इस दिशा में पहल करने की आवश्यकता है ताकि लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति कार्य करने की चाह बना रहे।
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