अब तक चार पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है महथा राम कृष्ण मुरारी की
अब तक चार पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है महथा राम कृष्ण मुरारी कीअब तक चार पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है महथा राम कृष्ण मुरारी कीअब तक चार पुस्तके प्रका

मयूरहंड प्रतिनिधि व्यक्ति का दिल और दिमाग में लगन हो तो आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। चाहे वह संपत्ति अर्जन करने या प्रतिष्ठा के क्षेत्र में हो। ऐसा ही कर रहे है मयूरहंड निवासी डॉ महथा राम कृष्ण मुरारी। अपने कैरियर की शुरुआत भद्रकाली महाविद्यालय इटखोरी में एक व्याख्याता रूप में शुरू की । 1985 से 1998 तक वे उस महाविद्यालय में हिन्दी विभागाध्यक्ष के रूप में काम किया। उसके बाद निजी शिक्षक के रूप में काम करते हुए साहित्य लेखन की ओर अपना कदम बढ़ाने लगे। उनकी अब तक चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
पहला 2022 में आवाह्न ( काव्य संग्रह) श्वेता प्रकाशन, झारखंड द्वारा किया गया।
दूसरा डॉ सियाराम तिवारी का रचना संसार (आलोचना) - प्रकाशन वर्ष 2011, श्लोक प्रकाशन दरभंगा,
तीसरा मैं और मेरी क्षणिकाएं ( क्षणिका संग्रह) ; प्रकाशन वर्ष -2024, विधा प्रकाशन , उत्तराखंड ।
चौथा भारत के राज्य और लोकभाषाएं (भारत की एक मानसिक यात्रा) प्रकाशन वर्ष 2024; शुभदा प्रकाशन है। डॉ साहब की लेखनी के बदौलत उन्हें सम्मानित भी किया गया। पंडित देवीदत्त शुक्ल शोध संस्थान प्रयागराज द्वारा 2001 में 'वाणी रत्न ' के तहत सम्मानित किया गया है। उनके द्वारा लिखी पुस्तके से लोगों को कई क्षेत्र में सीख मिल रही है। साथ ही जन उपओगी साबित हो रहा है। खास कर छात्रों को लाभ मिल रहा है। इनकी लेखनी के कारण क्षेत्र का नाम बढ़ा रहे हैं।
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