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चतरा जिला झारखंड में ही नहीं बल्कि देश में बना रहा अपनी अलग पहचान

झारखंड का चतरा जिला अब देश में अपनी अलग पहचान बना चुका है। एशिया का सबसे बड़ा कोल माईंस होने के कारण इस जिले का कोयला बड़े पैमाने में दूसरे राज्यों व...

चतरा जिला झारखंड में ही नहीं बल्कि देश में बना रहा अपनी अलग पहचान
हिन्दुस्तान टीम,चतराSat, 13 Feb 2021 05:00 AM
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चतरा प्रतिनिधि

झारखंड का चतरा जिला अब देश में अपनी अलग पहचान बना चुका है। एशिया का सबसे बड़ा कोल माईंस होने के कारण इस जिले का कोयला बड़े पैमाने में दूसरे राज्यों व प्रदेशों में जाता है। इतना ही नहीं एनटीपीसी से यहां बिजली उत्पादन बस शुरू ही होने वाला है। यह जिला अब उग्रवादियों के शरणस्थली के रूप में नहीं बल्कि औद्योगिक प्रतिष्ठानों, शिक्षा हब और पर्यटन स्थलों के रूप में जाना जाने लगा है। जिले के नैसर्गिक सुंदरता और प्राचीन मठ मंदिर को अब पहचान मिलने लगी है। मां भद्रकाली मंदिर, कौलेश्वरी पर्वत, चामुंडा मंदिर, महादेव मठ, भवानी मठ, तमासिन जलप्रपात, खैवा बनारू जलप्रपात, बलबल दुआरी कुंड सहित सैंकड़ों पुरातात्विक अवशेष जिले का मान बढ़ाने लगा हैं। एनटीपीसी, कोल माईंस, केंद्रीय स्कूल आदि प्रतिष्ठान जिले के प्रतिष्ठा को शिखर तक पहुंचा रहे हैं। जिले में मौजूद बेशुमार वन सम्पदा और खनिज संपदा चतरा के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं। उग्रवाद का दंश कम होने के साथ व्यापार और खेती बाड़ी में भी उछाल आया है। व्यापारी और किसान कड़ी मेहनत कर सुखी संपन्न बन रहे हैं। राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी चतरा तेजी के साथ विकसित हो रहा है। चतरा की आधारभूत संरचना दूरूस्त हो रहा है। यहां चोरकारी पॉवर ग्रिड और ट्रांस्मीशन लाईन का कार्य भी अंतिम पड़ाव में है। यह जिला झारखंड के अग्रणी जिलों में गिना जा रहा है। भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने वर्ष 1999 में चतरा के टंडवा में पॉवर प्लांट का आधारशिला रखा था, जो आज पूरा होने वाला है । नॉर्थ करणपुरा परियोजना के 660 मेगावाट की पहली इकाई से बिजली उत्पादन के करीब है। बिजली उत्पादन होने से राज्य को लगभग तीन रूपये प्रति यूनिट के दर से बिजली उपलब्ध होगा। झारखण्ड को मिलने वाला बिजली सबसे सस्ते दरों में उपलब्ध होगा। यह राज्य के चहुंमुखी विकास में मील का पत्थर साबित होगा। अब तक झारखण्ड राज्य मंहगे दरों पर बिजली की खरीद रहा है, जिसका लागत मूल्य लगभग पांच रूपए प्रति यूनिट के आसपास आता है। ऐसे में अगर चतरा जिला का एनटीपीसी मात्र तीन रूपये युनिट पर पूरे झारखंड को बिजली देता है तो इससे बड़ा गर्व की बात और क्या है।

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