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ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन का प्रतीक बन रहे बैरियर

गांव कस्बों में अब आमलोगों को कोरोना से संक्रमित होने का भय इस कदर सताने लगा है कि गांव में अजनबी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी का सिलसिला शुरू हो चुका है। लिपदा गांव में अजनबियों के प्रवेश पर पाबंदी...

ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन का प्रतीक बन रहे बैरियर
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,चतराWed, 01 Apr 2020 02:49 AM
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गांव कस्बों में अब आमलोगों को कोरोना से संक्रमित होने का भय इस कदर सताने लगा है कि गांव में अजनबी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी का सिलसिला शुरू हो चुका है। लिपदा गांव में अजनबियों के प्रवेश पर पाबंदी लगने के बाद सिमरिया के अन्य गांवों में बैरियर लगाने का प्रचलन में तेजी आ गई है।बेलगड्डा, खपिया, पगार, डेलाबागी आदि गांवों में ग्रामीण बैरियर लगा कर अजनबियों को यह संदेश दे रहे हैं कि वे कृप्या लक्ष्मण रेखा नहीं पार करें। दरअसल गांवों के लोग बाहर से आने वाले लोगों को लेकर खासे सशंकित हैं कि कहीं वे कोरोना का संक्रमण के साथ गांव में प्रवेश न कर जाएं।इसलिए ही गांव के लोगों ने दूसरे प्रदेशों से लौटने वाले गांव के लोगों और अजनबियों के गांव में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है।इसके लिए स्थानीय लोगों ने गांव में प्रवेश करने वाले रोड पर बैरियर लगा दिया है।दरअसल कोरोना के भय से प्रभावित प्रदेशों में काम करने वाले मजदूरों की गांव में वापसी के बाद स्थानीय लोगों ने बैरियर लगाने का फैसला लिया।गांव के लोगों का कहना है कि गांव को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए लोगों ने ऐसा कदम उठाया है।लोगों ने कहा कि अभी अगर कोरोना से हम सुरक्षित बच जाएंगे तभी हमारी पीढियां सुरक्षित रह पाएंगी।बहरहाल गांव में लौटने वाले मजदूरों को स्थानीय लोग जांच के बाद ही घरों में दाखिल होने देने का फैसला लिया है।कराने का दवाब डाल रहे हैं।

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