बीजेपी में शामिल हुए चंपाई सोरेन, कहा- कोलकाता से दिल्ली तक कराई गई मेरी जासूसी
इस दौरान बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे जिनमें हिमंत बिस्व सरमा और शिवराज सिंह चौहान भी शामिल थे।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन आखिरकार बीजेपी में शामिल हो गए हैं। रांची के धुर्वा स्थित शाखा मैदान में प्रदेश भाजपा की ओर से आयोजित मिलन समारोह में चंपाई सोरेन को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। इस दौरान बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे जिनमें हिमंत बिस्व सरमा और शिवराज सिंह चौहान भी शामिल थे।
बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर उनकी जासूसी कराने का आरोप लगाया। यह पहली बार था जब चंपाई ने खुद झारखंड सरकार पर उनकी जासूसी कराने का आरोप लगाया है। इससे पहले केवल बीजेपी ही यह आरोप लगा रही थी।
उन्होंने कहा, झारखंड प्रदेश में लंबी लड़ाई लड़ी, जिस संगठन को खून पसीने से सींचा आज उसी संगठन से बाहर निकला। पहले पोस्ट कर कहा था और पार्टी के अंदर जो पीड़ा हुई उसे व्यक्त किया था। बहुत अपमान के बाद सन्यास लेने का सोचा। लेकिन झारखंड की जनता का प्यार, उनका समर्थन के कारण राजनीतिक सक्रिय रहने का फैसला लिया। हम संघर्षशील व्यक्ति हैं, संघर्ष का उतार चढ़ाव देखा है। सोचा था कि दल बनाएंगे या अच्छा दल मिलेगा तो उसके साथ हो जाएंगे।
हेमंत सरकार पर खुलकर बोला हमला
चंपाई सोरेन ने कहा, जनता की सेवा के लिए मैंने कदम बढ़ाया। हमने कभी नहीं सोचा था कि मेरे पीछे जासूस लगाएंगे। दिल्ली तक मेरा पीछा किया। मैंने सोचा जिस आदमी ने झारखंड के लिए संघर्ष किया उसकी भी जासूसी कर रहे हैं। जासूसी के लिए आदमी भेजे , उस दिन मैंने सोच लिया किसी भी दल में जाएंगे और जनता की सेवा करेंगे।
बीजेपी में जाने का फैसला क्यों?
चंपाई सोरेन ने आगे कहा, कई छोटी-बड़ी पार्टी हैं लेकिन झारखंड की परिस्थिति के अनुसार मैंने बहुत सोचा। देश में दो बड़ी पार्टी भाजपा और कांग्रेस थी। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा आंदोलन में फायरिंग करवाई। आंदोलन को कुचलवाया। गुआ गोली कांड हुआ। कई लोगों को गोली चला कर मारा। कांग्रेस ने हमेशा आदिवासी पर गोली चलाई। इसलिए मैंने भाजपा को चुना। संथाल परंगना सिद्धू कान्हु की धरती को बचाना है तो भाजपा में जाना है। नरेंद्र मोदी, अमित शाह पर मेरा विश्वास जागा। अगर संथाल परगना, आदिवासी को बचाना है तो सिर्फ भाजपा कर सकती है।
चंपाई ने आगे कहा, संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ ने सब बदल दिया है। आदिवासी वहां नहीं मिलेंगे। एक-एक करके गांव मिटते जा रहे हैं। झारखंड अलग गांव लड़ कर लिया है। तीर के नोक पर संथाल परगना बनाया है। लेकिन मां बहन की इज्जत बचानी होगी। हम उस खून के पुत्र हैं तो घुसपैठिए को रोक के दिखाएंगे। मजदूर आंदोलन हमने किया। टाटा में नौकरी लगवाई, कभी प्रलोभन नहीं किया। 40 साल पहले जो था आज भी वही हूं। आदिवासी पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे
चंपाई सोरेन ने 28 अगस्त को जेएमएम की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए कहा था, आज झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से त्याग-पत्र दिया। झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं आम लोगों के मुद्दों को लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
अमित शाह से की थी मुलाकात
कुछ ही दिनों पहले चंपाई सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी। इस मुलाकात की तस्वीरें असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर शेयर की थी और कहा कि चंपाई 30 अगस्त को बीजेपी में शामिल होंगे।
इसके बाद चंपाई ने भी एक्स पर एक लंबा पोस्ट कर हेमंत सोरेन सरकार और जेएमएम पर उन्हें अपमान करने का आरोप लगाते हुए नाराजगी व्यक्त की थी।