पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में लगा जलमीनार कभी भी हो सकता हैं ध्वस्त
चक्रधरपुर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यालय में बने जलमीनार कभी भी ध्वस्त हो सकता हैं। जलमीनार काफी जर्जर हो चुका हैं। जलमीनार के छत का टूटकर...
चक्रधरपुर, संवाददाता
चक्रधरपुर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यालय में बने जलमीनार कभी भी ध्वस्त हो सकता हैं। जलमीनार काफी जर्जर हो चुका हैं। जलमीनार के छत का टूटकर गिरते रहता हैं। जिससे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में कार्यरत कर्मचारियों में हमेशा डर बना रहता हैं। जान जोखिम में डालकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कर्मी काम करते हैं। 1978 में 25 लाख गैलन क्षमता वाली जलमीनार का निर्माण शहरी जलापूर्ति के लिए किया गया था। पिछले 45 सालों से जलमीनार का भी उपयोग किया जा रहा हैं। लेकिन जलमीनार की नयमित देखरेख के अभाव में वह पूरी तरह जर्जर हो चुका हैं। जिससे जलमीनार में लगे सभी पीलरों में बड़े-बड़े दरार हो चुका हैं। इसके बावजूद नगर परिषद द्वारा प्रत्येक दिन जलमीनार में पानी चढ़ाकर शहर में सप्लाई करती हैं। इतना ही नहीं टंकी के ठीक नीचे एक रूम में नगर पर्षद के दो अनुबंध कर्मचारी रात को सो कर अपना ड्यूटी निभाते है। अगर समय रहते इस जलमीनार को ध्वस्त नहीं किया जाता हैं तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता हैं।