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याद किये गए उत्कलमणि गोपबंधु दास

गोपबंधु दास ओडिशा के एक सामाजिक कार्यकर्ता, स्वतंत्रतता संग्राम सेनानी एवं साहित्यकार थे। उन्हें...

याद किये गए उत्कलमणि गोपबंधु दास
हिन्दुस्तान टीम,चक्रधरपुरMon, 11 Oct 2021 04:51 AM
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गोपबंधु दास ओडिशा के एक सामाजिक कार्यकर्ता, स्वतंत्रतता संग्राम सेनानी एवं साहित्यकार थे। उन्हें उत्कलमणि के नाम से जाना जाता है। उक्त बातें विधायक सुखराम उरांव ने उत्कलमणि विद्या मंदिर उड़िया स्कूल कुसुमकुंज में उनकी जयंती पर माल्यार्पण कर कही। उन्होंने कहा कि ओडिशा में राष्ट्रीयता एवं स्वाधीनता संग्राम की बात होने पर लोग गोपबंधु दास का नाम सबसे पहले लेते हैं। इससे पूर्व उत्कलमणि उड़िया स्कूल परिसर में गोपबंधु दास की जयंती पर विधायक सुखराम उरांव के अलावा ओड़िया समाज के लोगों ने माल्यार्पण किया। इस दौरान समाज के लोगों ने विधायक सुखराम उरांव को एक मांग पत्र भी सौंपा। मौके पर उत्कल सम्मेलनी के जिलाध्यक्ष सरोज प्रधान, दिलीप प्रधान, केदार प्रधान, दिनेश जेना, प्रदीप्त दास आदि मौजूद थे। उत्कलमणी विद्या मंदिर उड़िया स्कूल परिसर में गोपबंधु दास की जयंती पर भाजपाइयों ने उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षाड़ंगी, भाजपा मंडल अध्यक्ष रोहित प्रधान, प्रेम प्रधान, केशव सिंह आदि कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। कोल्हान में ओड़िया भाषा शिक्षा समस्या के समाधान को लेकर उड़िया समाज के लोगों ने झामुमो जिलाध्यक्ष सह विधायक सुखराम उरांव को एक मांग पत्र सौंपा। कहा कि कोल्हान प्रमंडल में 40 लाख उड़ियाभाषी हैं। भारत सरकार द्वारा संविधान में स्पष्ट उल्लेख है कि प्रत्येक छात्र-छात्राओं को अपना मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करने का मौलिक अधिकार है। कोल्हान में ओडिया भाषा शिक्षा का निम्न समस्या का समाधान यथाशीघ्र की जाए। कोल्हान के प्रत्येक ओड़िया भाषी गांव और नगर में प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय एवं उच्च विद्यालय में ओड़िया शिक्षक और ओड़िया पाठ्य पुस्तक उपलब्ध करायी जाए। झारखंड सरकार पिछले 20 साल से वर्ग एक और 2 का ही ओड़िया साहित्य पुस्तक प्रकाशित किया हैं। लेकिन झारखंड सरकार कक्षा 1 से दशम तक ओड़िया पुस्तक प्रकाशित करने की व्यवस्था करें। कोल्हान के तीनों जिला में उत्कल सम्मिलानी ओड़िशा द्वारा 160 शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा पिछले 15 सालों में प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में ओड़िया भाषा की शिक्षा दे रहे हैं। झारखंड सरकार उन्हें पारा शिक्षक में शामिल करें।

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