दुकानदारों ने मांगी दुकान खाली करने की 15 दिनों की मोहल्लत
चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन से 38 दुकानों को तोड़ने का अभियान 15 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। दुकानदारों ने प्रशासन के साथ एक लिखित समझौता किया है, जिसमें उन्होंने 15 दिनों में दुकानें खाली करने का...
चक्रधरपुर,संवाददाता चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन से 38 दुकानों को तोड़ने का अभियान 15 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। पश्चिम सिंहभूम जिले का सबसे बड़ा त्योहार मकर संक्राति को देखते हुए दुकानदारों ने जिला प्रशासन की ओर से मजिस्ट्रेट के तौर पर नियोजित चक्रधरपुर प्रखंड के सीओ राजेश सिन्हा की मौजूदगी में 15 दिन के बाद दुकान खाली करने का लिखित समझौता के बाद रेलवे ने दुकान तोड़ने का अभियान 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया है। हालांकि बुल्डोजर लेकर पहुंचे रेलवे अधिकारियों के आदेश पर स्टेशन के पास हनुमान मंदिर से सटे मिनी मार्केट के चारदिवारी का कुछ हिस्सा ढाह (तोड़) दिया गया। स्टेशन के पास 38 दुकानों को हटाने के लिए रेलवे ने गुरुवार शाम को माईिकंग से जरिए घोषणा कर दी थी। तय समय के अनुसार शुक्रवार सुबह को दुकानों को तोड़ने के रेलवे ने पहले बिजली विभाग के कर्मचारियों को बुलाकर दुकानों से बिजली काट दी।
बुल्डोजर के साथ आरपीएफ और कोरस कमांडों के साथ दंडाधिकारी का इंतजार करते रेल अधिकारी
रेलवे द्वारा बुल्डोजर और आरपीएफ तथा कोरस कमांडों के साथ सुबह ही चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन दुकान तोड़ने के लिए एईएन राजीव कुमार, आईओ डबल्यु मनीस कुमार सहित पहुंच गये थे। रेलवे द्वारा सभी तैयारियां पुरी कर ली गई थी। लेकिन जिला प्रशासन की ओर से दंडाधिकारी नहीं पहुंचे, इधर दुकान तोड़ने को लेकर सुबह से ही हाई बोल्टेज ड्रामा चलता रहा।
दुकानदारों ने बंद रखी अपनी अपनी दुकानें
रेलवे द्वारा गुरुवार की रात्रि ही दुकान तोड़ने के लिए ष्घोषणा कर दी गई थी। जिसकारण शुक्रवार सुबह से ही दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानें बंद कर दी थी और दुकान बचाने के लिए सुबह से ही जद्दोजहद में जुट गए थे। सभी दुकानदार इस फिराक में लगे थे कि किसी तरह उनकी दुकान बच जाये।
अप्राह्न में पहुंचे सीओ पहुंचे सीओ सह दंडाधिकारी
रेलवे द्वारा सुबह से ही दुकान तोड़ने के लिए तैयारी कर ली गई थी और दंडाधिकारी का इंतजार कर रहे थे, वहीं अप्राह्न में दडाधिकारी रेलवे स्टेशन पहुंचे और रेलवे अधिकारियों और दुकानदारों से वार्ता की।इसके बाद दुकानदारों को 15 दिनों का मोहलत मिल गया। इसके बाद दुकानदारों ने राहत की सांस ली।
दुकानदारों ने लिखित में दिया कर देंगे 15 दिनों में खाली
दुकानदारों द्वारा 15 दिनों में खाली कर देने और कोर्ट नहीं जाने की बात रेलवे को लिखित में दी है। दुकानदारों की माने तो ऐसा लिखित में देने केलिए रेलवे अधिकारियों द्वारा ही उसे कहा गया था।
दुकानदारों ने की पूर्नवास के बाद दुकानों तोड़ने की मांग
दुकानदारों ने रेलवे के दुकान तोड़ने के अभियान का विरोध करते हुए अपने अपनी दुकानें बंद कर दी थी। दुकान तोड़ने के अभियान के खिलाफ व्यक्तिगत बैठक कर उनके द्वारा अदालत में दर्ज किए मामलों के दस्तावेज के हलावे से खड़गपुर में जीएम के निर्देश पर दुकानदारों का किए गए पूर्नवास के तर्ज पर चक्रधरपुर के दुकानदारों को भी पूर्नवास करने के बाद उनका दुकान तोड़ने की मांग की। दुकानदारों ने कहा कि रेलवे की ओर से विकास कार्य को लेकर दुकानों को तोड़ने की नोटिस जारी की गई थी। लेकिन अचानक गुरुवार शाम को घोषणा और शुक्रवार को दुकान खाली करने को रेलवे के निर्णय को ज्यादाति और नाइंसाफी बताया। दुकानदारों की रोजी रोटी के लिए उनका पूर्नवास किए जाने की मांग की। उनका तर्क था कि वे विकास के पक्षधर हैं लेकिन उनका पूर्नवास करने के बाद दुकानें तोड़ने की मांग की।
13 लीजधारी लायसेंसी दुकानों का मामला अदालत में
चक्रधरपुर में 13 दुकानों का हटाए का मामला उच्च न्यायाल्य तक पहुंचा। उनका तर्क है कि न्यायलय ने रेलवे को पूर्नवास के बाद दुकानों को हटाने का निर्देश देने के बाद भी रेलवे दुकानों को तोड़ने पर आमदा है। आज पत्रकारों को जानकारी देते हुए दुाकानदार उत्पल मोहरे,के गोविंद राव, संतोष कुमार, रबिंद्र राय, दिलीप कुमार गुप्ता, अनिल कुमार, शशि भूषण सिंह, सतीष यादव,अमोद कुमार, नवल कुमार सहित बड़ी संख्या में दुकानदारों ने उनका पूर्नवास की मांग दोहराया।
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