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एएनएम के भरोसे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा

पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड में चिकित्सा सुविधा बदहाल है। उप स्वास्थ्य केंद्रों में कभी भी कोई चिकित्सक नहीं जाते हैं। एएनएम के भरोसे ही उप स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीणों का उपचार होता...

एएनएम के भरोसे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा
हिन्दुस्तान टीम,चक्रधरपुरFri, 10 Aug 2018 03:25 PM
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पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड में चिकित्सा सुविधा बदहाल है। उप स्वास्थ्य केंद्रों में कभी भी कोई चिकित्सक नहीं जाते हैं। एएनएम के भरोसे ही उप स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीणों का उपचार होता है। ज्यादा दिक्कत होने पर ग्रामीण किसी तरह अनुमंडल अस्पताल पहुंचकर ही उपचार करवा पाते है। चक्रधरपुर 23 पंचायत वाले इस प्रखंड में कुल 31 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं। लेकिन इन उप स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक नहीं पहुंचते हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोग आज भी चिकित्सा सुविधा से वंचित हैं। पूर्व में कभी-कभी चिकित्सक उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर ग्रामीणों की जांच भी करते थे। लेकिन अनुमंडल अस्पताल चक्रधरपुर में ही चिकित्सकों की घोर कमी होने के कारण अब कोई चिकित्सक उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं जाते हैं। अब भी सुदूर क्षेत्र के लोग अगर बीमार पड़ जाएं तो उन्हें अस्पताल लाने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

2000 फीट वाले लांजी में मात्र दो सहिया के भरोसें होता हैं इलाज : चक्रधरपुर प्रखंड का दो ऐसे भी गांव हैं जहां सहिया के भरोसो इलाज होता है। 2000 फीट वाले लांजी गांव में करीबन 1500 से ज्यादा लोग रहते हैं। लेकिन वहां स्वास्थ्य के नाम पर कुछ भी नहीं है। गांव की दो सहिया ही उनका सहारा है। अगर कोई ग्रामीण बीमार पड़ जाए तो उन्हें अस्पताल लाने में काफी दिक्कतें होती है। खासकर गर्भवती महिलाएं तथा गंभीर रूप से बीमार लोगों को आज भी यहां के लोग खाट पर लादकर 2000 फीट पहाड़ी से नीचे उतारते हैं। उसके बाद वाहन की खोजबीन कर उन्हें अस्पताल लाया जाता है। इस प्रक्रिया में उन्हें दो घंटे से ज्यादा समय लग जाता है। अगर गंभीर रूप से ज्यादा बीमार होने पर लोगों की जान भी चली जाती है। कभी कभार वहां एएनएम महीना में एक बार चली गई तो बहुत है। बाकी काम सहिया ही करती है। लांजी के जैसा कोटसोना भी है। कोटसोना भी पहाड़ के उपर बसा हुआ है। वहां भी स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर शून्य है। वहां के ग्रामीणों को भी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया नहीं हो पाती है।

31 उप स्वास्थ्य केंद्रों में मात्र 11 का अपना भवन, बाकी चलते हैं भाड़े : चक्रधरपुर प्रखंड के 23 पंचायत में कुल 31 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं। जिनमें से मात्र 11 का अपना भवन बना हुआ है। बाकि उप स्वास्थ्य भाड़े में संचालित होता है। करीबन 20 उप स्वास्थ्य केंद्र का अपना भवन अब तक नहीं बन पाया। जिस कारण इस क्षेत्र का चिकित्सा सुविधा राम भरोसे ही है। जब चिकित्सा के लिए अपना भवन ही नहीं रहेंगा तो लोगों का इसमें इलाज कैसे होगा।

12 चिकित्सकों में मात्र पांच कार्यरत : चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में कुल 12 चिकित्सकों के पोस्ट हैं। लेकिन चिकित्सकों में सिर्फ 5 चिकित्सक ही कार्यरत है। जिनमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी भी शामिल हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ऑफिस कार्य के लिए रोजाना या तो चाईबासा या फिर कार्यालय में रहते हैं। बचे चार डाक्टर जिनमें एक चिकित्सक नाइट ड्यूटी करते हैं, उन्हें अगले दिन छुट्टी देनी पड़ती है। चिकित्सकों की कमी के कारण ही उपस्वास्थ्य केंद्र में कोई भी चिकित्सक नहीं जा पाते। वहीं चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हथिया में दो चिकित्सक तैनात है। लेकिन हथिया के साथ-साथ उन्हें अनुमंडल अस्पताल में भी कार्य लिया जाता है। डाक्टर मोईज अख्तर अंसारी तथा डाक्टर अमित कुमार चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में अपना योगदान देते हैं।

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