विस्फोट की घटना में शामिल दो माओवादी गिरफ्तार
पश्चिमी सिंहभूम जिला पुलिस ने बरकेला स्थित सयतावां वन क्षेत्र के कार्यालय, वन रक्षी आवास और फारेस्ट गेस्ट हाउस उड़ाने और लतरसिका में विस्फोट की घटना में शामिल दो माओवादियों को गिरफ्तार किया है।...
पश्चिमी सिंहभूम जिला पुलिस ने बरकेला स्थित सयतावां वन क्षेत्र के कार्यालय, वन रक्षी आवास और फारेस्ट गेस्ट हाउस उड़ाने और लतरसिका में विस्फोट की घटना में शामिल दो माओवादियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्तियों में बरकेला के होयोगुटू का सरजोम बोयपाई और जालदा मुंडासाई का जगमोहन सवैयां शामिल है। यह जानकारी पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महाथा ने गुरुवार को सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय में पत्रकारों को दी।
एसपी ने बताया कि दोनों को 22 जुलाई की रात में उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे बरकेला व चाईबासा शहरी क्षेत्र के आसपास के इलाके में पोस्टर साटकर भय और आतंक का माहौल बनाने की कोशिश कर रहा था। इनके पास से 46 पीस प्रिंटेड पोस्टर, 49 पीस हस्तलिखित पत्र की फोटो कापी बरामद किया गया है। दोनो गिरफ्तार माओवादियों ने 11 - 12 जुलाई को सयतावां की घटना और 13 जुलाई को लतरसिका में विस्फोट कर सड़क उड़ाने की घटना में माओवादियों के दस्ते के साथ शामिल हो कर इस घटना अंजाम देने में संलिप्तता की बात स्वीकार की है।
इस घटना में माओवादियों के दस्ते के शीर्षस्थ कमांडर भी शामिल था।
उड़ीमू गांव में बनी थी योजना को अंजाम देने की प्लानिंग : गिरफ्तार माओवादियों से पूछताछ में पता चला है कि सयतावां वाली घटना को अंजाम देने की योजना 2-3 जुलाई को ही उड़ीमू गांव में बनी थी। यहां माओवादियों ने गांव के लोगों के साथ बैठक की थी। वहां, माओवादियों के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था सरजोम और जगमोहन ने की थी। उसके बाद 8 जुलाई को बुधवार बाजार के दिन माओवादियों का दस्ता ग्रामीणों से मिला। घटना को अंजाम देने के लिए दो-दो सिलिंडर सारजोम और जगमोहन के घर पहुंचाए गए। 10 जुलाई की शाम को भी माओवादियों का दस्ता उड़ीमू पहुंचा और मीटिंग की।
केस को लेकर ग्रामीणों को भड़काया : गांव वालों को वन विभाग द्वारा 2018 में कुछ ग्रामीणों के खिलाफ किए गए केस को ले कर भड़काया। माओवादियों ने अपने को बुरू हो बताया तथा जल, जंगल व जमीन पर ग्रामीणों के हक की बात कही । घटना के दिन भी 11 जुलाई शनिवार को दिन भर उन दोनों ने बरकेला हाट में रेकी की। फिर ये लोग उड़ीमू चले गए और वहां से सिलिंडर ढो कर लाया और इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूछताछ से पता चला है कि इस घटना में 60- 70 सशस्त्र माओवादी और ग्रामीणों सहित 110 लोग शामिल थे ।
पुलिस पर थी हमले की योजना : बरकेला के सयतावा और लतारसिका की घटना के बाद नक्सलियों ने उस क्षेत्र के साथ वहां पहुंचने के अन्य रास्तों पर एंबुश लगा कर रखा था, जिससे पुलिस के वहां पहुंचने पर बड़ी घटना को अंजाम दे सके। लेकिन पुलिस द्वारा सर्तकता बरतने और एसओपी का पालन करने से माओवादी अपनी मंशा में सफल नहीं हो पाए। माईलपी में भी इसी उद्देश्य से विस्फोट कराया गया था।
ये थे छापामारी दल में शामिल : इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक ने माओवादियों की गिरफ्तारी के लिए एक छापामारी दल का गठन किया था, जिसने साजोम और जगमोहन को पकड़ने में सफलता पाई। छापामारी दल में मुफ्फसिल थना प्रभारी आशुतोष कुमार, परिक्ष्यमान पुलिस अवर निरीक्षक रितेश कुमार पांडेय , रवीन्द्र पांडेय , पंकज कुमार , पवन कुमार यादव , मो. इम्तियाज और मुफ्फसिल थाना के रिजर्व गार्ड शामिल थे । इस दौरान सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अमर कुमार पांडेय और मुफ्फसिल थाना प्रभारी आशुतोष कुमार भी उपस्थित थे।
