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रिटायर आर्मी ऑफिसर को उपभोक्ता न्यायालय से मिला न्याय

एक रिटायर आर्मी ऑफिसर के साथ धोखाधड़ी के मामले में उपभोक्ता न्यायालय ने महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। इस मामले में आर्मी ऑफिसर ने शिकायत की थी कि...

रिटायर आर्मी ऑफिसर को उपभोक्ता न्यायालय से मिला न्याय
Newswrap हिन्दुस्तान, चाईबासाSat, 3 Aug 2024 07:45 PM
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चाईबासा, संवाददाता। एक रिटायर आर्मी ऑफिसर के साथ धोखाधड़ी के मामले में उपभोक्ता न्यायालय ने महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। इस मामले में आर्मी ऑफिसर ने शिकायत की थी कि एलआईसी एजेंट तथा अधिकारी ने आर्मी ऑफिसर को झूठी जानकारी देकर बीमा पॉलिसी बेचने की कोशिश की थी। इस पर उपभोक्ता न्यायालय ने सुनवाई के बाद रिटायर आर्मी ऑफिसर के पक्ष में निर्णय सुनाया।
न्यायालय ने एलआईसी एजेंट तथा एलआईसी अधिकारी को दोषी ठहराते हुए, ऑफिसर को उनकी एक लाख चार हजार नौ सौ छियानवे वापस करने और मानसिक पीड़ा के लिए पचास हजार रुपये तथा लिटिगेशन के लिए दस हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। न्यायालय ने यह भी कहा कि इस तरह की गलत व्यापार नीति और सेवा में कमी करने वालों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हो।

रिटायर आर्मी ऑफिसर मुफ्फसिल थाना अंतर्गत बड़ा गुइरा निवासी लुज्रुस पूर्ति ने चाईबासा स्थित एलआईसी मुख्य शाखा, एलआईसी के शाखा प्रबंधक, विकास पदाधिकारी एवं एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। शिकायत के अनुसार, एलआईसी एजेंट,विकास अधिकारी,शाखा प्रबंधक तथा अन्य ने वादी से 6 लाख रुपये जमा करने पर पांच साल में डबल होने का वादा किया। जब वादी ने अपने सारे बचत रकम को एसबीआई से निकालकर एजेंट एवं सभी अन्य एलआईसी शाखा के प्रतिवादियों के उपस्थिति में 6 लाख रुपये जमा किए। इसमें आर्मी ऑफिसर ने खुद के नाम से 4 लाख तथा अपने बेटी और बेटे के नाम क्रमश: 1 लाख जमा किए, परन्तु तीन महीने बाद ही वादी को एलआईसी एजेंट ने 12 रसीद थमाया जो 50 हजार करके था। प्राप्त रसीद के मुताबिक़ वादी को एहसास हुआ कि उन्हें हर साल 6 लाख जमा करने का रसीद प्राप्त हुआ है तथा अगले 10 वर्ष तक 6 लाख जमा करना है, जो कि एक रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर के लिए प्रत्येक वर्ष 6 लाख जमा करना असंभव था। तब उन्होंने उक्त पॉलिसी से संबंधित सारी बातें एजेंट को बताया, जब एजेंट ने कोई उचित जवाब नहीं दिया तो आर्मी ऑफिसर ने उस पॉलिसी को बंद करने के किए एलआईसी ऑफिस चाईबासा में लिखित आवेदन दिया, परंतु एलआईसी कि ओर से वादी को सिर्फ़ 4 लाख 95 हजार वापस किए और बाकी एक लाख चार हजार नौ सौ छियानवे रुपये नहीं दिया गया। तब उन्हें पता चला कि उन्हें झूठी जानकारी और गलत प्रलोभन देकर बीमा पॉलिसी लेने के लिए प्रेरित किया गया था। जब ऑफिसर को पॉलिसी की वास्तविकता का पता चला, तो उन्होंने एजेंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया था।

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