PESA Day Workshop Held in Guwa Discussions on Jharkhand Panchayat Act and Constitutional Provisions गंगदा व गुवा पंचायत में अलग-अलग पेसा दिवस कार्यक्रम का हुआ आयोजन, Chaibasa Hindi News - Hindustan
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गंगदा व गुवा पंचायत में अलग-अलग पेसा दिवस कार्यक्रम का हुआ आयोजन

गुवा में 24 दिसम्बर को पेसा दिवस के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में झारखंड पंचायत उपबंध नियमावली, 2022 और माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों पर चर्चा की गई। बैठक में ग्राम सभा की...

Newswrap हिन्दुस्तान, चाईबासाTue, 24 Dec 2024 02:55 PM
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गंगदा व गुवा पंचायत में अलग-अलग पेसा दिवस कार्यक्रम का हुआ आयोजन

गुवा । 24 दिसम्बर को पेसा दिवस के अवसर पर सारंडा स्थित गुवा पश्चिमी पंचायत के नुईया गांव में मुंडा डुरसू चाम्पिया तथा गंगदा पंचायत के दोदारी स्कूल मैदान में मुंडा सिंगा चाम्पिया की अध्यक्षता में तथा उपनिदेशक पंचायती राज विभाग के आदेशानुसार अलग-अलग पेसा दिवस कार्यशाला का आयोजन किया गया। दोनों कार्यक्रमों में मुंडा, पंचायत प्रतिनिधि आदि शामिल हुये। पेसा दिवस कार्यशाला में झारखण्ड पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) नियमावली, 2022 (औपबंधिक), सिविल एपीएल नंबर 484 & 491-2006 (राकेश कुमार एवं अन्य बनाम भारत सरकार एवं अन्य) तथा माननीय उच्च न्यायालय द्वारा डब्ल्यू पी पीआईएल नंबर 2549/2010 (प्रभु निवारन सैमुएल सुरीन एवं अन्य बनाम भारत सरकार एवं अन्य) में पारित आदेश, माननीय सर्वोच्च न्यायालय तथा माननीय उच्च न्यायालय द्वारा माना है कि पंचायत राज अधिनियम, 2001 पूर्ण रूप से संवैधानिक है। झारखण्ड पंचायत उपबंध (अनुसुचित क्षेत्रों का विस्तार) नियमावली. 2022 के औपबंधिक प्रारूप को झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम, 2001 की धारा 131 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बनाना पूर्ण रूप से वैध है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा छठी अनुसूची के प्रावधान और पैटर्न के बीच अन्तर किया गया है। केवल छठी अनुसूची के पैटर्न का ही अनुपालन किया जाना है। छठी अनुसूची में निहित प्रावधान झारखण्ड राज्य पर लागू नहीं होंगे। वास्तव में छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी क्षेत्रों के लिए है। माननीय उच्च न्यायालय ने कहा कि हमें झारखण्ड राज्य को पेसा अधिनियम, 1996 की धारा- 4(0) के प्रावधानों को लागू करने के लिए कोई और मार्गदर्शन देने, Writof Mandamus देने का कोई कारण नहीं दिखता। झारखण्ड राज्य द्वारा झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम, 2001 को लागू करते समय पेसा अधिनियम, 1996 के साथ- साथ ऊपर बताए गए सभी संवैधानिक प्रावधानों का पूरा ध्यान रखा गया है। आदि पर चर्चाओं के अलावे पेसा 1996 एवं झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 के बारे में माननीय न्यायालय का निर्णय, गाँव की परिभाषा, ग्राम सभा की परिभाषा एवं संरचना, ग्राम सभा द्वारा परम्पराओं, रीति रिवाजों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के बारे प्रावधान, ग्राम सभा का योजना बनाने के बारे में प्रावधान, ग्राम सभा द्वारा विकास योजनाओं के लिए लाभार्थियों के चयन के लिए कार्य करने के बारे में प्रावधान, ग्राम सभा द्वारा निधियों के उपयोग का प्रमाणन के बारे प्रावधान, पंचायतों के अध्यक्ष एवं सदस्यों के लिए स्थानों के आरक्षण के बारे प्रावधान, ग्राम सभा की शक्तियों के बारे प्रावधान आदि मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान बैठक में जीप सदस्य देवकी कुमारी, मुखिया पदमीनी लागुरी, कृतिधर महतो, रंजीता महतो, मनोज कुमार डे, सोमनाथ चाम्पिया, ममता देवी, लावण्या पात्रो, मंजुला बागे, शांति दास आदि दर्जनों मौजूद थे।

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