माता-पिता की पूंजी हैं बच्चे : लकड़ा
माता-पिता की पूंजी हैं बच्चें : लकड़ा जगन्नाथपुर। पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के सभागार में आयोजित संकुल स्तरीय दो दिवसीय बालिका जगन्नाथपुर। पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के ...
पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के सभागार में आयोजित संकुल स्तरीय दो दिवसीय बालिका व्यक्तित्व विकास शिविर का रविवार को विधिवत समापन हुआ। समारोह में अनुमंडलाधिकारी सुषमा लकड़ा ने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य बनाने के लिए जो समय लगाते हैं हमें उसको सूद समेत वापस करना हमारा धर्म बनता है। उसके बुढ़ापे की जरूरत हैं आप। उनका आदर करें। उनकी देखभाल करना। कभी अपने माता पिता को बोझ न समझें। बच्चों को यह बात समझनी चाहिए। क्योंकि माता- पिता अपने जीवन की पूरी जमा-पूंजी अपने बच्चों को ही समझते हैं। उन्होंने कहा की सफल जीवन में केवल पढ़ाई नहीं होता है। सामाजिक दायित्व, सामाजिक जीवन समाज के साथ जुड़े रहना ही एक सफल जीवन का अर्थ है। उन्होंने कहा कि सफलता तभी मिलेगी जब आप निरंतर प्रयास करेंगे। आत्मसंतोष तभी मिलता है जब हम दूसरों को खुशी देते हैं। 31 अंकों के साथ नोवामुंडी ओवरऑल चैंपियन : दो दिवसीय बालिका व्यक्तित्व विकास शिविर में बच्चों के बीच कई प्रकार की स्पर्धाएं आयोजित की गईं। इसमें 31 अंकों के साथ नोवामुंडी ओवरऑल चैंपियन बना। जबकि चाईबासा को 28 अंकों के साथ द्वितीय स्थान मिला। कबाड़ से जुगाड़ प्रदर्शनी में नोवामुंडी प्रथम, चाईबासा द्वितीय तथा जगन्नाथपुर स्कूल तृतीय स्थान पर रहा। इसी तरह कलश सज्जा में जामदा, शास्त्रीनगर व चाईबासा, पूजा की ताल सज्जा में नोवामुंडी, जगन्नाथपुर व बागबेड़ा, कार्ड निर्माण (निमंत्रण पत्र) में बिरसानगर, नोवामुंडी व चाईबासा, चित्राकला प्रतियोगिता में नोवामुंडी, घाटशिला व बिरसानगर, पेटिंग प्रतियोगिता में बिरसानगर, सिनी, चाईबासा, एकल गीत में चाईबासा (नेहा प्रधान), नोवामुंडी (अंजलि) तथा शास्त्रीनगर, सामूहिक गीत में चाईबासा, नोवामुंडी व बागबेड़ा, सामूहिक नृत्य में चाईबासा, नोवामुंडी व बागबेड़ा ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर पूर्वी सिहभूम निरीक्षक पंकज मिश्रा,पश्चिमी सिहभूम निरीक्षक विवेक नयन पांडे, जिला संयोजक दिलीप कुमार गुप्ता,विद्यालय उपाध्यक्ष दिप्ती साहु,सहसचिव धीरज सिंह,नोवामुंडी प्राचार्य सीमा पालित,शीला देवी,लक्ष्मी नारायण भगत सहित काफी संख्या में शामिल थे।