जिला में खाद्य आपूर्ति विभाग फेल : डॉ. लकड़ा
डॉ. आशा लकड़ा ने पश्चिमी सिंहभूम में खाद्य आपूर्ति विभाग की आलोचना की, दुकानदार कम चावल दे रहे हैं, गोदाम में राशन का गलत वजन दिया जा रहा है और बोरी में जानकारी गढ़ाई जा रही है।
चाईबासा, संवाददाता। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने कहा है कि पश्चिमी सिंहभूम में खाद्य आपूर्ति विभाग फेल है। लोगों को सही चावल नहीं मिल पा रहा है। पीडीएस दुकानदार लाभार्थी को 2 से 3 किलो कम चावल दे रहे हैं और एफसीआई गोदाम में 45 किलो राशन दिया जा रहा है और फाइल में लिखा जा रहा है 50 किलो। सब जगह लीपापोती हो रहा है। डॉ. लकड़ा बुधवार को पश्चिमी सिंहभूम के दौरे के क्रम में अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी दे रही थीं। उन्होंने बताया कि जिले में तीन डीएफओ हैं। सबने बताया कि कितनो को वन पट्टा दिया गया,लेकिन पूछने पर कोई नहीं बता पाए कि वनपट्टा के तहत एक व्यक्ति को कितनी जमीन दी गयी है। उन्होंने जिले में कल्याण विभाग के कार्यकलापों पर भी असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि कल्याण विभाग के कार्यों कि स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्होंने तीन छात्रावासों का निरीक्षण किया। सभी जगह स्थिति खराब है, बोरिंग है, पर पीने का पानी नहीं है। मोटर खराब है। शौचालय खराब है। आरओ नहीं है। टाटा कॉलेज और महिला कॉलेज की छात्रावास कंडम घोषित करने की स्थिति में है। बेड नहीं है, जेनरेटर नहीं है।
उन्होंने कहा कि समीक्षा बैठक में जिले के अधिकारी नहीं बता पाएं कि जिले में कितना नामांकन हुआ है, कितने आदिवासी बच्चे हैं और कितने ड्राप आउट हैं। उन्होंने कहा कि पूरे जिले में प्राइमरी स्कूलों में गरीब-गुरुबो के बच्चों का नामांकन जाति प्रमाणपत्र के नहीं होने के कारण नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के एडमिशन में जाति प्रमाण पत्र नहीं मांगा जाए।
डॉ. लकड़ा ने बताया कि पुलिस विभाग को निर्देश दिया गया है कि जिले के सभी 26 थानों में एससी-एसटी एक्ट के केस का एफआईआर लिया जाए। उसी दिन या दूसरे दिन जिला में भेजा जाए। चार्जशीट हो और 90 दिनों मे निष्पादन किया जाए। आयोग कि सदस्य ने बताया जिले में 20 अगस्त के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मेगा कैम्प लगाने का निर्देश दिया गया है। इसमें ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच हो, दवाओं का वितरण किया जाए और सरकार के लाभों को जनता तक पहुंचाया जाए। बैठक में उपायुक्त कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर, उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर आईटीडीए स्मृति कुमारी, अपर उपायुक्त कमलेश्वर नारायण, सहायक समाहर्ता अर्नब मिश्रा, सिविल सर्जन डॉ साहिर पॉल सहित जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में दिए गए निर्देश
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा की अध्यक्षता में जिला समाहरणालय सभागार में अनुसूचित जनजाति से संबंधित मामलों व जिला स्तरीय सभी विभागों के योजनाओं में प्रगति से संबंधित समीक्षा की गयी।
सदस्य, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा क्रमवार सभी विभाग अंतर्गत संचालित केन्द्र एवं राज्य सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की। योजनाओं में अनुसूचित जनजाति की भागीदारी से संबंधित चर्चा की गई। उन्होंने सभी को जानकारी दी कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन अनुसूचित जनजातियों को शोषण के विरुद्ध सुरक्षा उपाय प्रदान करने के साथ-साथ उनके सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक हितों की रक्षा करने के लिए की गई है। शिक्षा विभाग के समीक्षा के क्रम में जिले में शिक्षक की उपलब्धता, विद्यालय भवनो की स्थिति एवं बच्चो को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी लेकर अभियान चलाकर सभी ड्राप बच्चों को शिक्षा से जोड़ने तथा आवसीय विद्यालयों में बच्चों को सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाए उपलब्ध करने का निर्देश दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के समीक्षा के क्रम में सदर अस्पताल सहित जिले में सभी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं, चिकित्सकों, जीएनएम, एएनएम आदि के प्रतिनियुक्ति की जानकारी ली गई। अस्पतालों में प्रतिदिन चिकित्सकों के विजिट का रोस्टर तैयार कर स्थानीय अखबार तथा सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर रोस्टर का अनुपालन कराए जाने का निर्देश दिया गया। साथ ही टीकाकरण और दवाइयां की समुचित व्यवस्था रखने हेतु निर्देश दिया गया। कल्याण विभाग की समीक्षा के क्रम में उन्होंने अनुसूचित जनजातियों के कल्याण व विकास के लिए कार्यान्वित योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिए। आवासीय हॉस्टल में बालिकाओं की सुरक्षा व्यवस्था, साफ सफाई, पौष्टिक भोजन शुद्ध पेयजल तथा बच्चो को ड्रेस एवं किताब निश्चित समय पर उपलब्ध कराने हेतु यथोचित कदम उठाने का निर्देश दिया गया। वहीं, सामाजिक सुरक्षा विभाग को सभी सुयोग्य लाभुक को पेंशन की योजना से ससमय नियमानुसार आच्छादित करने के लिए निर्देश दिया। वन विभाग के समीक्षा के क्रम में सामुदायिक और व्यक्तिगत वन पट्टा वितरण का जानकारी मांगा गया साथ ही साथ वित्तीय वर्ष में लगाई जाने वाले पेड़ पौधों के लक्ष्य का भी जानकारी प्राप्त किया गया। पशुपालन विभाग, गव्य विकास विभाग, मत्स्य विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमण्डल, समाज कल्याण, मनरेगा, आवास, उद्योग, जेएसएलपीएस तथा विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं का समीक्षा के क्रम में निर्धारित लक्ष्य को ससमय पूर्ण करने के लिए निर्देश दिया। पुलिस विभाग की समीक्षा में जिला अंतर्गत कुल थानों, अनुसूचित जनजाति के थानों, महिला थाना, एफआईआर की स्थिति, पुलिस पिकेट सहित अन्य बिंदुओं पर समीक्षा की।
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