डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के पदचिह्नों पर चलने का आह्वान
चाईबासा में अभियंत्रण सेवा समन्वय समिति द्वारा राष्ट्रीय इंजीनियर्स दिवस मनाया गया। मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त अभियंता गुणाधर संतरा थे। वक्ताओं ने डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के योगदान की सराहना की,...

चाईबासा, संवाददाता। राष्ट्रीय इंजीनियर्स दिवस स्थानीय जिला परिषद सभागार में अभियंत्रण सेवा समन्वय समिति चाईबासा (झारखण्ड) के बैनर तले मनाया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंतागुणाधर संतरा उपस्थित थे। मौके पर वक्ताओं ने कहा कि डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को आधुनिक भारत के विश्वकर्मा कहा जाता है। उन्होंने सिंचाई, जल प्रबंधन, और बाढ़ नियंत्रण में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण किया, जिनमें मैसूर का कृष्णराज सागर बांध सबसे प्रसिद्ध है। इसके अलावा उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय, भद्रावती आयरन एंड स्टील वर्क्स, और मैसूर संदल ऑयल फैक्ट्री जैसे कई संस्थान स्थापित किए। इस दौरान उपस्थित अभियंताओं ने डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के पदचिह्नों पर चलते हुए एक साथ संघ से जुड़कर रहने एवं सुख-दुख में साथ देने की शपथ ली।
वक्ताओं ने कहा गया कि इंजीनियर की सफलता मेहनत और समर्पण से ही मिलती है। इंजीनियर का काम समस्याओं को समझना एवं उसका स्थाई समाधान ढूंढना है। इंजीनियर वो है, जो कल्पना को वास्तविकता में बदलता है। इस अवसर पर संघ की ओर से रणविजय सिंह, दारोगा प्रसाद मुण्डा, पार्थ सतपथी,विजय कुमार सिंह, प्रकाष उरांव, अमर रविदास, संजय सिंह, राजकुमार बंग, संतोष कुमार राय, विजय कुमार मुर्मू एवं कई विभागों के कनीय अभियंता एवं सहायक अभियंता उपस्थित थे।
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