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डेपुटेशन कर्मियों के भरोसे चल रहा केयू

कोल्हान विश्वविद्यालय अपने स्थापना के 9 साल बाद भी स्थायी कर्मचारियों को बहाल नहीं कर पाया है। विश्वविद्यालय पूरी तरह डेपुटेशन कर्मियों के भरोसे चल रहा है। वह भी ऐसा डेपुटेशन, जिसमें कोई समय सीमा तय...

डेपुटेशन कर्मियों के भरोसे चल रहा केयू
हिन्दुस्तान टीम,चाईबासाSat, 26 May 2018 03:24 PM
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कोल्हान विश्वविद्यालय अपने स्थापना के 9 साल बाद भी स्थायी कर्मचारियों को बहाल नहीं कर पाया है। विश्वविद्यालय पूरी तरह डेपुटेशन कर्मियों के भरोसे चल रहा है। वह भी ऐसा डेपुटेशन, जिसमें कोई समय सीमा तय नहीं की कई। वहीं, कई सेवानिवृत्त कर्मियों की सेवा भी ली जा रही है। कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रोवीसी, रजिस्ट्रार, डीआर, एफए, एफओ, प्रोक्टर के सेक्शन कार्यालय से लेकर परीक्षा विभाग तक। सभी विभागों में डेपुटेशन पर कार्यरत शिक्षकेतर कर्मी अपनी सेवा दे रहे हैं, लेकिन उन्हें पद अनुसार न वेतन मिल रहा है और न सुविधाएं। इससे सबको मलाल और आक्रोश भी है। कई कर्मी स्थापना काल से ही डेपुटेशन पर बहाल हैं। कई को कॉलेजों से उठाकर विश्वविद्यालय में डेपुटेशन में रख दिया गया। इसका असर कॉलेजों की कार्य गतिविधियों पर देखने को मिला रहा है। जानकारी के अनुसार कोल्हान विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2017 विभिन्न विषयों में अस्सिटेंट प्रोफेसर समेत शिक्षकेतर पद के लिए अनुबंध पर वैकेंसी निकाली गई थी। इस वैकेंसी के लिए जेनरल, ओबीसी अभ्यर्थियों से 1 हजार रुपये और एसटी-एससी अभ्यर्थियों से 700 रुपये का ड्राफ्ट मांगा गया था। इसका अप्रैल माह में इंटरव्यू और कंप्यूटर टेस्ट की परीक्षा भी ली गई थी। लेकिन साल बीतने के बाद भी इसका रिजल्ट नहीं निकाला गया। इस रिजल्ट का क्या हुआ, परीक्षा शुल्क के नाम पर मांगे गए ड्राफ्ट की राशि किस मद में गई, किसी को पता तक नहीं चला। केयू-आर-161-17 के अनुसार निम्न पदों पर वैकेंसी निकली थी। विभिन्न विषयों में अस्सिटेंट प्रोफेसर के 17 पद, मानदेय 30 हजार देय था। वहीं नन टीचिंग में लैब अस्सिटेंट के 6 पद, ऑफिस कम एकाउंटेंट अस्सिटेंट के 3 पद, स्टोरकीपर के 2 पद, टेक्निकल अस्सिटेंट के 4 पद के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। नन टीचिंग पद के लिए 10 हजार रुपये मानदेय निर्धारित था।

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