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ट्रेन और करंट से हाथियों को बचाने में जुटा वन विभाग

ट्रेन व करंट से गजराजों को बचाने में वन विभाग ने कसरत शुरू कर दी है। बिजली विभाग तथा रेलवे को पत्र लिख जंगल में 20 फुट की ऊंचाई तक झूलते तारों को 30 फुट ऊपर उठाने का सुझाव दिया है। वहीं, रेलवे को...

ट्रेन और करंट से हाथियों को बचाने में जुटा वन विभाग
हिन्दुस्तान टीम,चाईबासाSat, 10 Oct 2020 03:22 AM
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चिंता

ट्रेन और करंट से हाथियों को बचाने में जुटा वन विभाग

-हाथियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग चिंतित

-कॉरिडोर में कम से कम 100 फीट चौड़ा टनल हो

ट्रेन व करंट से गजराजों को बचाने में वन विभाग ने कसरत शुरू कर दी है। बिजली विभाग तथा रेलवे को पत्र लिख जंगल में 20 फुट की ऊंचाई तक झूलते तारों को 30 फुट ऊपर उठाने का सुझाव दिया है। वहीं, रेलवे को पत्र लिख हाथी के आने-जाने वाले कॉरिडोर को चिह्नित करने को कहा है।

नजर रखने के बाद भी हादसों से चिंतित है विभाग : वन विभाग हमेशा हाथियों के आने-जाने वाले रास्तों पर नजर रखता है, पर कभी-कभार हादसे हो ही जाते हैं। इस वर्ष 19 सितंबर को मंझारी में करंट से एक हाथी की मौत हो गयी थी। वर्ष 2019 के दिसंबर में मनोहरपुर क्षेत्र में ट्रेन से कटकर हाथी की मौत हो गयी थी। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग की ओर से विद्युत विभाग और रेलवे को पत्राचार किया गया है।

60 से 100 फीट चौड़ा टनल बनाने का सुझाव : पत्राचार के जरिये वन क्षेत्र में फैले हाई वोल्टेज तार जो 20 फीट तक लटक गये हैं, उन्हें चिह्नित कर 30 फीट तक ऊंचा करने की मांग की गयी है। इसी तरह रेलवे से कहा है कि हाथियों के आने-जाने वाले कॉरिडोर में कम से कम 60 फीट से 100 फीट चौड़े टनल बनाये जाएं, ताकि तादाद में हाथी एक साथ उस टनल से निकल जाएं। इससे हाथियों की सुरक्षा बनी रहेगी। वे अपने पथ पर आते-जाते रहेंगे।

जिले के सभी चार वन प्रमंडलों में हाथी हैं : प. सिंहभूम जिले में कार्यरत चार वन प्रमंडलों सारंडा, चाईबासा, पोड़ाहाट तथा कोल्हान में हाथी पाये जाते हैं। चाईबासा, कोल्हान तथा सारंडा वन प्रमंडल में हाथियों की संख्या सबसे ज्यादा है। ये वन प्रमंडल कहीं न कहीं से ओड़िशा से जुडे हैं। इस कारण हाथियों का आना-जाना लगा रहता है। लिहाजा, चाईबासा, सारंडा तथा कोल्हान वन प्रमंडल में करंट और रेल ट्रैक पार करने के क्रम में घटनाएं हो जाती हैं। चक्रधरपुर से मनोहरपुर रेल रूट कोल्हान व पोडाहाट वन क्षेत्र के बीचों-बीच गुजरता है, जहां से हाथी आते-जाते रहते हैं। इसलिये वन विभाग ने रेलवे को रेल लाइन के नीचे टनल बनाने को कहा है।

हाथियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की जरूरत है। अभी हाल में मंझारी में करंट से एक हाथी की मौत हो गयी थी। पिछले वर्ष दिसंबर में भी हादसा हुआ था। इसलिये विभाग की कोशिश है कि हाथी सुरक्षित रहें, उन्हे कहीं भी आने-जाने में कोई दिक्कत न हो इसलिये विभागीय स्तर से पत्राचार किया गया है। यह पत्र वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, रांची के स्तर से किया गया है।

-राजनीश कुमार, डीएफओ, सारंडा

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