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लॉकडाउन में पढ़ाई का विकल्प बना ई-लर्निग

लॉकडाउन ने लोगों की जीवनशैली को बदल दिया है। इसका असर देखने को मिल रहा है। खसकर शैक्षणिक क्षेत्र में। स्कूल-कॉलेज बंद होने के कारण ई-लर्निंग की शुरुआत काफी सफल हो रही...

लॉकडाउन में पढ़ाई का विकल्प बना ई-लर्निग
हिन्दुस्तान टीम,चाईबासाSat, 09 May 2020 02:41 AM
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लॉकडाउन ने लोगों की जीवनशैली को बदल दिया है। इसका असर देखने को मिल रहा है। खसकर शैक्षणिक क्षेत्र में। स्कूल-कॉलेज बंद होने के कारण ई-लर्निंग की शुरुआत काफी सफल हो रही है। यही कारण है कि निजी और सरकारी स्कूलों में इसे लागू किया गया है। शिक्षक स्मार्ट फोन के जरिये सिलेबस पूरा कर रहे हैं। बच्चों को पढ़ाई के टिप्स भी दे रहे हैं। झारखंड शिक्षा परियोजना के निर्देशानुसार, साल भर छुट्टियों के दौरान ई-लर्निंग से पढ़ाई होगी। इ-लर्निंग कन्टेन्ट पूरे अकादमिक वर्ष के लिये चलाया जायेगा। बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिये सभी शिक्षकों को बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाना है। हरेक सप्ताह ग्रुप के सभी बच्चों की प्रगति की समीक्षा भी करनी है। इस दौरान बच्चों को यदि कोई समस्या होती है तो शिक्षकों को बच्चों के पास जाकर या व्हाट्सएप के माध्यम से उसका निदान करने का निर्देश दिया गया है। हर शिक्षक कम से कम 10 बच्चों या उनके अभिवावकों से वार्ता कर उन्हें लॉकडाउन के समय में शिक्षण के लिये प्रोत्साहित करेंगे। उन्हें कहा गया है कि यदि किसी बच्चे के पास स्मार्ट फोन के बजाय फिचर फोन है तो वैसे बच्चों से भी सम्पर्क बनाएं। शहरी क्षेत्र में रहने वाले शिक्षक 60 से 70 प्रतिशत और प्रखंड क्षेत्र में तैनात शिक्षक 40-50 प्रतिशत विद्यार्थियों को जोड़ेंगे।

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