हो भाषा को भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए जंतर-मंतर में 14 सितम्बर को धरना
चाईबासा। हो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के सामाजिक माँग को लेकर वाईएमसीए नई दिल्ली में आदिवासी हो समाज युवा महासभा...
चाईबासा। हो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के सामाजिक माँग को लेकर वाईएमसीए नई दिल्ली में आदिवासी हो समाज युवा महासभा राष्ट्रीय कमिटि एवं आदिवासी हो समाज युवा महासभा के दिल्ली प्रदेश के दोनों राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के बीच चर्चा हुई। दोलाबु दिल्ली 4.0 के तहत जंतर-मंतर पार्लियामेन्ट स्ट्रीट नई दिल्ली में हो भाषा आंदोलन आयोजन के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। साथ ही भाषा प्रेमी एवं भाषा आंदोलन से जुड़े हुए युवाओं के लिए आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की विशेषताओं और पार्लियामेन्टरी प्रोशिड्योर के बारे में सेमिनार कार्यक्रम आयोजन करने के लिए महत्वपूर्ण विचारों का आदान-प्रदान किया गया। इस क्रम में नई दिल्ली के पुलिस डिप्टी कमिश्नर को आगामी 14 सितंबर को जंतर-मंतर पार्लियामेन्ट स्ट्रीट में धरना-प्रदर्शन देने के लिए आदिवासी हो समाज युवा महासभा, राष्ट्रीय कमिटि की ओर से इंटीमेशन लेटर दिया गया। इस कार्यक्रम में लोगों के ठहराव, यात्रा, सेमिनार तथा भाषा की मान्यता के लिए केन्द्र सरकार को बार-बार ध्यान आकृष्ट कराने के प्रमुख विषयों पर प्रस्ताव लाया गया। दिशुम सोसायटी एवं दिल्ली में रह-रहे सामाजिक प्रतिनिधियों के साथ टेलिफोनिक चर्चा भी किया गया। बैठक में दिल्ली प्रदेश के राष्ट्रीय प्रतिनिधि प्रोफेसर डॉ बलभद्र बिरूवा, राष्ट्रीय प्रतिनिधि नंदलाल गागराई, गंगाराम गागराई, राष्ट्रीय महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम, राष्ट्रीय क्रीड़ा सचिव निलमोहन चातर आदि मौजूद थे।
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