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पश्चिमी सिंहभूम में मिनरल फंड का 70 फीसदी राशि पेयजल पर खर्च होगा

जिला मिनरल्स फंड की बैठक में सांसद और विधायकों ने फंड के समुचित उपयोग पर बल दिया। मिनरल प्रभावित क्षेत्रों में सबसे ज्यादा पेयजल और उसके बाद शिक्षा और स्वास्थ्य पर फंड खर्च करने के उनके सुझाव पर अमल...

पश्चिमी सिंहभूम में मिनरल फंड का 70 फीसदी राशि पेयजल पर खर्च होगा
हिन्दुस्तान टीम,चाईबासाTue, 22 Aug 2017 06:40 PM
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जिला मिनरल्स फंड की बैठक में सांसद और विधायकों ने फंड के समुचित उपयोग पर बल दिया। मिनरल प्रभावित क्षेत्रों में सबसे ज्यादा पेयजल और उसके बाद शिक्षा और स्वास्थ्य पर फंड खर्च करने के उनके सुझाव पर अमल भी किया गया। समाहरणालय में मंगलवार को हुई इस बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि प्रभावित क्षेत्रों के अलावा प्रखंड में खर्च का यही मसौदा हो। यह भी निर्णय लिया गया कि 70 फीसदी राशि पेयजल पर खर्च की जाएगी।बैठक की अध्यक्षता करते हुए सांसद लक्ष्मण गिलुवा ने इस फंड से किये जाने वाले कार्यों की प्राथमिकता गिनाई। बैठक में 10 प्रतिशत राशि शिक्षा स्वस्थ्य और आधार भूत संरचना पर खर्च करने के निर्णय लिये गये। मनोहरपुर की विधायक जोबा मांझी ने कहा दीघा छोटानागरा तथा मकरंडा में लोगो के लिये तीन सौ चापाकल लगाये गये थे, पर सभी बेकर पड़े हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा का आम लोगों को लाभ नहीं मिलता है। कहा कि डीएमएफटी से काम हो, ताकि फायदा लोगों को मिले। जिप अध्यक्ष ने कहा कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं होने के कारण मरीजो को बाहर रेफर कर दिया जाता है। जिला में पुस्तकाल का अभाव है छोटे बच्चे नशा के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बच्चो के लिये नशामुक्ति केन्द्र खोले जाने का सुझाव दिया। माइनिंग क्षेत्र ज्यादा उपेक्षित: गीता- जगन्नाथपुर की विधायक गीता कोड़ा ने कहा कि मानिंग क्षेत्र ही डीएमएफटी की राशि मिलती है पर यह क्षेत्र ही सबसे ज्यादा उपेक्षित है। शिक्षा स्वस्थ्य और पेयजल की स्थिति काफी दयनीय है । उन्होंने कहा कि नदी का पानी वर्षा के दिनो में पीने लायक नही रह जाता है और वन विभाग इन कार्यो को पूरा करने में सहयोग प्रदान नही करता है। उन्होने डीएमएफटी एक निश्चित अनुपात में बुनियादी सुविधाओ पर खर्च करने का सुझाव दिया, ताकि लोगों को सारी सुविधा को मुहैया कराया जा सके। सारी प्रस्तावों को स्वीकार कर उपायुक्त ने पेयजल के लिये 70 प्रतिशत स्वास्थ्य एवं कुपोषण पर 10, शिक्षा प्रशिक्षण पर 10, तथा आधारभूत संचरना के लिये 10 प्रतिशत की राशि को खर्च करने का प्रस्ताव दिया और उसे सर्व सम्मति से पारित किया गया। उन्होने बताया कि जिला को डीएमएफटी मद में 250 करोड रुपये मिले हैं और कार्यपालक अभियंता पेयजल के लिये डीपीआर तैयार कर रहे है। बैठक विघायक शशि भूषण सामड, दशरथ गागराई सहित सभी जिप सदस्य उपस्थित थे।

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