ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड बोकारोबोकारो में घट स्थापना के साथ मां की आराधना शुरू

बोकारो में घट स्थापना के साथ मां की आराधना शुरू

दुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश स्थापनादुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश स्थापनादुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश...

दुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश स्थापनादुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश स्थापनादुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश...
1/ 2दुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश स्थापनादुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश स्थापनादुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश...
दुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश स्थापनादुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश स्थापनादुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश...
2/ 2दुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश स्थापनादुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश स्थापनादुर्गा मंदिर व काली मदिंर समेत अन्य मंदिरों में की गई कलश...
हिन्दुस्तान टीम,बोकारोThu, 26 Mar 2020 02:00 AM
ऐप पर पढ़ें

घट स्थापना के साथ ही चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई। बुधवार को बंद मंदिरों में तो कहीं घरों में लोगों ने कलश स्थापित कर मां दुर्गा की अराधना किया। चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री का आह्वान हुआ। हालांकि शहर में लॉकडाउन होने के कारण बंद मंदिरों में ही पूजा, आरती और भोग मां को अर्पित किए गए हैं। बाहर से भक्तों को जाने की अनुमति नहीं थी। सिर्फ पुजारी बगैर भक्त पूजा करते दिखे। मां दुर्गा की पूजा की तैयारी को लेकर जिले के सेक्टर 9 बी दुर्गा मंदिर समेत सेक्टर 4 डी रविदास मोड़ में पूजा पंडाल बनाया रहा है। मां दुर्गा की कलश स्थापना बुधवार सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 7 बजकर 17 मिनट तक ही शुभ रहा। पंडित गुप्तेश्वर मिश्र अनुसार पहले दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की अराधना की गयी। पूजा में मां को चमेली का फूल अर्पित किया गया। जो शुभ माना जाता है।

26 मार्च: नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रहमचारिणी की पूजा की जागएी। इनकी पूजा में चमेली का फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है।

27 मार्च: नवरात्र के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा होती है। इन्हेें भी चमेली का फूल पसंद है।

28 मार्च: नवरात्र के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे रूप देवी कुष्मांडा की पूजा होती है। इन्हें लाल रंग का फूल पसंद है।

29 मार्च: नवरात्र के पांचवे दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इन्हें मां पार्वती के नाम से भी जाना जाता है। इनहें पूजा में लाल रंग के फूल अर्पित करनी चाहिए।

30 मार्च: नवरात्र के छठे दिन मां कात्यानी की पूजा होती है। इन्हें लाल रंग के फूल खासकर गुलाब के फूल अर्पित करनी चाहिए।

31 मार्च: नवरात्र के सातवें दिन यानी महास्पतमी पूजा के अवसर पर मां कालरात्रि की पूजा होती है। इन्हें रात की रानी का फूल पसंद है।

1 अप्रेल: नवरात्र के आठवें दिन यानि महाष्टमी पूजा के अवसर पर मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं।

2अप्रेल: नवरात्र के नौवें दिन महानवमी पूजा के अवसर पर विशेष रूप से कन्या पूजन किया जाता है। इस दिन हवन कार्यक्रम का विशेष विधान किया जाता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें