युवा व विद्यार्थी श्रीरामचरितमानस का अध्ययन अवश्य करें
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर तेलो में गोस्वामी तुलसीदास की जयंती पर निबंध, सुलेख व चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। गोस्वामी तुलसीदास की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत...
चंद्रपुरा, प्रतिनिधि। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर तेलो में शनिवार को गोस्वामी तुलसीदास की जयंती मनाई गई। भैया-बहनों के बीच निबंध, सुलेख व चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। शुरुआत गोस्वामी तुलसीदास की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ की गई। जयंती प्रमुख आचार्य अजय कुमार गोराई ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस नामक महाकाव्य की रचना की, जो घर-घर पूजा जाता है। रामायण और श्रीमद्भगवतगीता जैसे धर्म ग्रंथ हमारे घरों में रहते जरूर हैं और हम प्रतिदिन उनकी पूजा अर्चना भी करते हैं परंतु इसे पढ़ते बहुत कम लोग हैं। आज के युवाओं व विद्यार्थियों को इसका अध्ययन अवश्य करना चाहिए। आचार्या आरती ने तुलसी से गोस्वामी तुलसीदास के बनने की कथा व उनकी प्रमुख रचना गीतावली, दोहावली एवं कवितावली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय संस्कृति व सभ्यता के गौरव को बढ़ाने का काम किया है। दीदी वंदना झा ने रामायण के छंद, श्वेता ने रामायण की चौपाइयां, आचार्य हरिपद व विजेंद्र ने श्रीराम पर गीतों की प्रस्तुति की। बहन खुशी बरनवाल, सृष्टि कुमारी, सोनाली कुमारी, सार्थक वर्णवाल, मनीषा कुमारी, सपना कुमारी, खुशी कुमारी, प्राची कुमारी, सपना कुमारी व दीक्षा कुमारी ने भी गोस्वामी जी के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। धन्यवाद ज्ञापन आचार्य संजय ने किया।
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