साल भर में सूख गए 10 लाख से अधिक पेड़-पौधे
पौधे लगाने के बाद रखरखाव के प्रति उदासीनता से हर साल हजारों पौधेे पेड़ बनने से पहले दम तोड़ देते हैं। आलम यह है कि बीते तीन वर्षों में यहां करीब 30 लाख में से करीब 50 फीसदी से अधिक पौधेे सूख चुके...
पौधे लगाने के बाद रखरखाव के प्रति उदासीनता से हर साल हजारों पौधेे पेड़ बनने से पहले दम तोड़ देते हैं। आलम यह है कि बीते तीन वर्षों में यहां करीब 30 लाख में से करीब 50 फीसदी से अधिक पौधेे सूख चुके हैं। पिछले बरसात में वन विभाग ने पूरे डिवीजन में 20 लाख अधिक पौधे लगाए थे। वहीं चास सर्किल में तीन लाख पौधा लगाए गए थे, लेकिन मात्र एक साल में लगे पौधे संबंधित स्थान से हो गायब हो गए हैं, जिनमें पेटरवार, नावाडीह, कसमार, गोमिया, चास, चंदनकियारी सहित अन्य शामिल हैं। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार तीन से पांच फीसदी ही पौधे सूखते हैं।
जिला प्रशासन ने सभी सरकारी कार्यालय, शासकीय और निजी अस्पताल, स्कूल और नदियों में पौधे रोपने का आदेश जारी किया था। इसके तहत जोर-शोर से पौधरोपण किया गया, लेकिन सिर्फ कुछ ही संस्थानों में पौधे बचाए जा सके हैं।
चास रेंज वनक्षेत्र अंतर्गत चंदनकियारी बासगडी में 50 हेक्टेयर, मोहनपुर, साकाकुडी में 50 हेक्टेयर में पौधरोपण किया जाएगा, जिसमें बासगडी में 1 लाख 25 हजार, मोहनपुर शाकाकुडी में 83 हजार 300 पौधे लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 30 हजार पौधे गरगा डैम, 22 सौ स्टेशन, आरवीएस कॉलेज में लगेंगे। भवानीपुर में 3.29 हेक्टेयर में 6530 पौधे लगाए जाएंगे।