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अलग झारखंड में मेजर नागेंद्र की भूमिका अहम : केवट

शहीद मेजर नागेंद्र स्मृति दिवस पर काशीनाथ केवट ने कहा कि मेजर नागेंद्र ने पहली बार माफिया एवं जनविरोधी शक्तियों के खिलाफ आवाज उठायी थी, जिस कारण 18 फरवरी 1994 को मेजर नागेन्द्र प्रसाद की हत्या कर दी...

अलग झारखंड में मेजर नागेंद्र की भूमिका अहम : केवट
हिन्दुस्तान टीम,बोकारोMon, 19 Feb 2018 12:11 AM
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शहीद मेजर नागेंद्र स्मृति दिवस पर काशीनाथ केवट ने कहा कि मेजर नागेंद्र ने पहली बार माफिया एवं जनविरोधी शक्तियों के खिलाफ आवाज उठायी थी, जिस कारण 18 फरवरी 1994 को मेजर नागेन्द्र प्रसाद की हत्या कर दी गई। वे बालीडीह में मेजर नागेंद्र स्मृति स्थल पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। केवट ने कहा कि मेजर की हत्या से पूर्व वे आईपीएफ बोकारो के जिलाध्यक्ष और मेजर नागेंद्र प्रसाद उपाध्यक्ष थे। हम दोनों के नेतृत्व में जिले की सदियों से दबी कुचली, ठगी-लूटी जनता प्रबल झंझावत और प्रचंड तूफान की तरह उठ खड़ी हुई थी। इससे पूर्व, केवट ने मेजर नागेंद्र के चित्र पर पुष्प माला अर्पित किया। आगे उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में मेजर नागेंद्र के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। शोषित-पीड़ित जनता को संगठित कर उन्होंने जनविरोधी व्यवस्था के खिलाफ हल्ला बोला था। इस कारण भ्रष्ट पुलिस-अपराधी गठजोड़ ने जनता के बहादूर योद्धा मेजर नागेंद्र प्रसाद की जिले के कोचागोड़ा गांव में हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि शहीद मेजर नागेंद्र प्रसाद अपनी कृतियों के कारण आज भी जरीडीह, कसमार और पेटरवार क्षेत्र की जनता के दिलों में जिंदा हैं। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए मेजर नागेंद्र प्रसाद के पुत्र राजेश प्रसाद ने कहा कि हमें अपने शहीद पिता पर गर्व है। झाविमो के जिला उपाध्यक्ष जनक प्रसाद भगत ने कहा कि शहीद मेजर नागेंद्र के साथ वर्षों सांगठनिक कार्य करने का मौका मिला। आज भी उनके संघर्षों को याद कर क्षेत्र की जनता रोमांचित हो उठती है। कार्यक्रम को धर्मनाथ महतो, नारायण सिंह, बिरेन्द्र करमाली, पूर्व सैनिक विरेंद्र सिंह समेत अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।

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