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जीजीपीएस स्कूल में मनाई गई जयंती

जीजीपीएस बोकारो में गुरुनानक जयंती को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। छात्रों ने जीजीपीएस सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में शब्द पाठ, कीर्तन का आयोजन किया। जिसमें विद्यालय के शिक्षक अन्य कर्मी भी...

जीजीपीएस स्कूल में मनाई गई जयंती
हिन्दुस्तान टीम,बोकारोFri, 03 Nov 2017 12:24 AM
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जीजीपीएस बोकारो में गुरुनानक जयंती को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। छात्रों ने जीजीपीएस सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में शब्द पाठ, कीर्तन का आयोजन किया। जिसमें विद्यालय के शिक्षक अन्य कर्मी भी शामिल हुए। जीजीपीएस कोऑर्डिनेटर सुरेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने हर वर्ग व हर समुदाय को साथ लेकर चलने का काम किया। अपने सिद्धांतों व नियमों के प्रचार के लिए घर छोड दिया। संन्यासी के रूप में रहकर उन्होंने एक धर्म की स्थापना की।कोऑर्डिनेटर ने नानक जी महाराज के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धार्मिक कटरता के वातावरण में उदित गुरू नानक ने धर्म को उदारता की नई परिभाषा दी। जगह-जगह घूमकर तत्कालीन अंधविश्वास, पाखंडों आदि का जमकर विरोध किया। वे हिन्दु-मुस्लिम एकता के भारी समर्थक थे। जिन-जिन स्थानों से गुरू नानक गुजरे थे वे आज तीर्थ स्थल का रूप ले चुका है। गुरू नानक ने अपने उपदेशोंं से सांप्रदायिक एकता एवं सदभाव की ज्योति जलाई थी जो आज भी प्रज्वलित है। उनका धर्म सेवा, करूणा, प्रेम और आस्था का प्रतीक है तथा विष्वबंधुत्व की प्रेरणा देता है। उनका जन्म 15 अप्रैल 1469 में हुई। जन्मस्थान ननकाना साहिब तलवंडी है। पिता कल्याणचंद व माता तृप्ता देवी है। उन्होंनें पंजाबी, हिन्दी, फारसी, तथा संस्कृत की शिक्षा ली। मौके पर लक्ष्मण मिश्रा, मनोरमा प्रसाद अन्य थे।

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