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भोलुरबांध तालाब का अस्तित्व खतरे में

अस्तित्व के संकट से जूझ रहे चास के भोलुरबांध तालाब का सौंदर्यीकरण तो दूर, नगर निगम की लापरवाही से शहर के नालियों की गंदगी भी तालाब में डाली जा रही...

भोलुरबांध तालाब का अस्तित्व खतरे में
हिन्दुस्तान टीम,बोकारोTue, 19 Jun 2018 11:57 PM
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अस्तित्व के संकट से जूझ रहे चास के भोलुरबांध तालाब का सौंदर्यीकरण तो दूर, नगर निगम की लापरवाही से शहर के नालियों की गंदगी भी तालाब में डाली जा रही है। जिससे क्षेत्र में दुर्गंध फैलने लगा है। चापाकलों से निकलता पानी भी इस कारण बदबूदार हो गया है। तालाब से सटे मुहल्लावासियों का जीना मुहाल हो गया है। तालाब क्षेत्र से सटे मुहल्लों में घर की खिड़कियां बंद रखने के बाद भी दुर्गंध रहती है। इससे लोगों को काफी परेशान है। वार्ड पार्षद अनीता देवी के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। अतिक्रमण की भेंट चढ़ा तालाब: भोलुरबांध चास की लाइफलाइन है। लगभग सात एकड़ कुछ डिसमिल का तालाब वर्तमान में तीन एकड़ से भी कम में सिमट गया है। तालाब क्षेत्र में निगम की ओर से विभिन्न भवनों का निर्माण कराया गया है। वहीं भवनों से नालियों के गंदे पानी को सीधे तालाब में डाला जा रहा है। स्थानीय लोगों में आक्रोश: तालाब में नालियों को बंद करने एवं सफाई की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार निगम पदाधिकारी एवं मेयर से मुलाकात की। लेकिन अबतक इस ओर निगम की ओर से पहल नहीं की गई है। इससे लोगों में भारी आक्रोश है। बीमारियों का प्रकोप: तालाब क्षेत्र से सटे दो से चार मुहल्लों में विभिन्न बीमारियों का प्रकोप है। जिसमें उल्टी, पेट दर्द, बदहजमी, दस्त, चर्म रोग, फाइरेरिया सहित बीमारियां शामिल हैं।

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