चास। प्रतिनिधि पौधरोपण में चास अंचल लक्ष्य से दूर, वनपाल से मांगी रिपोर्ट
पौधरोपण में चास अंचल लक्ष्य से दूर है। बरसात में डिवीजन में तीन लाख से अधिक पौधरोपण करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन बरसात खत्म होने को है, इसके बावजूद पौधरोपण कार्य पूरा नहीं किया जा...
पौधरोपण में चास अंचल लक्ष्य से दूर है। बरसात में डिवीजन में तीन लाख से अधिक पौधरोपण करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन बरसात खत्म होने को है, इसके बावजूद पौधरोपण कार्य पूरा नहीं किया जा सका। हालांकि वन क्षेत्र पदाधिकारी 80 प्रतिशत काम पूरा होने की बात कह रहे हैं। इसको लेकर रेंज कार्यालय में समीक्षा बैठक हो रही है। पंचायत समिति सदस्यों की बैठक में वन विभाग की ओर से पौधरोपण में खानापूर्ति करने की बात कही जा रही है। चास रेंज वन क्षेत्र अंतर्गत चंदनकियारी बासगडी में 50 हेक्टेयर, मोहनपुर, साकाकुडी में 50 हेक्टेयर, बासगडी में एक लाख 25 हजार, मोहनपुर शाकाकुडी में 83 हजार 300 पौधे लगाए जाने थे। इसके अतिरिक्त 30 हजार पौधे गरगा डैम, 22 सौ स्टेशन और आरवीएस कॉलेज, भवानीपुर में 3.29 हेक्टेयर में 6530 पौधे लगाया जाना था। पौधे लगाने के बाद उसके रखरखाव के प्रति उदासीनता से हर साल हजारों पौधे पेड़ बनने से पहले दम तोड़ देते हैं। आलम यह है कि बीते तीन वर्षों में यहां करीब 30 लाख पौधों में करीब 50 फीसदी से अधिक पौधे सूख चुके हैं। पिछले साल बरसात में वन विभाग ने पूरे डिवीजन में 20 लाख अधिक पौधे लगाए थे। चास सर्किल में तीन लाख पौधे लगाए गए थे, लेकिन मात्र एक साल में पौधे संबंधित स्थान से हो गायब हो गए, जिसमें पेटरवार, नावाडीह, कसमार, गोमिया, चास, चंदनकियारी सहित अन्य शामिल हैं। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार तीन से पांच फीसदी पौधे सूखते हैं। जिला प्रशासन ने सभी सरकारी कार्यालय, शासकीय व निजी अस्पताल, स्कूल और नदियों में पौधे लगाने का आदेश जारी किया था। इसके तहत जोर-शोर से पौधरोपण किया गया, लेकिन इनमें से सिर्फ कुछ संस्थानों में ही पौधे को बचाया जा सका है। पौधरोपण के बाद रखरखाव को लेकर प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत है, जहां पौधरोपण हो वहां के पदाधिकारी व कर्मचारियों को उसके देखरेख की जिम्मेदारी सौंपें।