नावाडीह के लहिया में 172 सालों से हो रही चैती काली दुर्गा पूजा
नावाडीह प्रखंड के ऊपरघाट स्थित नारायणपुर पंचायत में 172 वर्षों से चैत्र अमावस्या को चैती काली दुर्गा की पूजा होती है। श्रद्धालु संतान प्राप्ति पर बकरे की बलि देते हैं। यहां एक दिवसीय मेला भी आयोजित...

नावाडीह, प्रतिनिधि। नावाडीह प्रखंड के ऊपरघाट स्थित नारायणपुर पंचायत अंतर्गत पार लहिया के घटवार टोला में विगत 172 सालों से चैत्र अमावस्या को चैती काली दुर्गा की पूजा की जाती है। संतान प्राप्ति पर श्रद्धालु बकरे की बलि देकर पूजा करते हैं। यहां पूजा को लेकर एक दिवसीय मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसमें नारायणपुर, लहिया, हरलाडीह, पोखरिया, बंशी, बरई, असनाटांड़ सहित आसपास के अन्य गांवों के लोग पहुंचकर आनंद उठाते हैं । स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि गांव के ही स्वजातीय फतकु सिंह की कोई संतान नहीं थी। तब अपने गुरूदेव के साथ 1845 में कोलकाता स्थित काली दुर्गा की पूजा कर मन्नत मांगी थी कि अगर संतान हुआ तो गांव में प्रतिमा स्थापित कर निरंतर पांच वर्षों तक पूजा करूंगा। तब देवी की कृपा से पुत्र की प्राप्ति होने के उपरांत 1847 में पार लहिया के घटवार टोला में चैती काली दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पांच साल तक पूजा की। इसके बाद गांव के ग्रामीणों की आम राय बनी कि हर साल पूजा व मेला भी लगेगा। इसके बाद यह स्थाई मंडप का निर्माण किया गया, जहां निरंतर आज तक पूजा जारी है।
इस बार शुक्रवार की रात पूजा व शनिवार को मेला लगेगा। अध्यक्ष बासुदेव सिंह, सचिव जीतन महतो, कोषाध्यक्ष प्रेम शर्मा सहित रामू सिंह, लालमणि सिंह, तिलक सिंह, तेजलाल शर्मा, संतोष शर्मा, भोला महतो, गणेश सिंह व हरी सिंह जिम्मेवारी संभाले हुए हैं। मुखिया जयंती देवी, पंसस कालेश्वर महतो, पूर्व पंसस लक्ष्मी देवी, उपमुखिया पार्वती देवी, चोलेश्वर रविदास आदि की अहम भूमिका रहती है।
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