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बेरमो में बिजली के बुरे हालात अब तक नहीं सुधरे

पावर सेक्टरों के पास कोयला स्टॉक नाकाफी, पहले के मुकाबले बिजली उत्पादन घटा तो इधर कोयला उत्पादन बढ़ाने की दिशा में...

बेरमो में बिजली के बुरे हालात अब तक नहीं सुधरे
हिन्दुस्तान टीम,बोकारोSat, 16 Oct 2021 02:10 PM
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बेरमो में बिजली के बुरे हालात अब तक नहीं सुधरे

बेरमो। सिद्धार्थ नारायण पोद्दार

कोरोना काल में देश में कोयला उत्पादन में आई कमी व बिगड़ती बिजली व्यवस्था को सामान्य करने की दिशा में केन्द्र सरकार की सजगता सामने आने लगी है। एक ओर जहां केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह नजर बनाए हुए हैं तो दूसरी ओर केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दो दिन पहले सीसीएल मुख्यालय रांची स्थित दरभंगा हाउस में सीसीएल अधिकारियों को हर हाल में उत्पादन बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा कि बिजली आवश्यक सेवाओं में से एक है। और कोयला के कारण बिजली संकट उत्पन्न नहीं होने दिया जायेगा। इधर, रैक से ससमय कोयला पहुंचाने को लेकर रेल मंत्रालय की ओर से भी स्पेशल कॉरिडोर की तैयार है। बावजूद न तो कोयला उत्पादन का ग्राफ बढ़ पा रहा है, न रैक से पर्याप्त कोयला पहुंच पा रहा, और न ही बिजली संकट की स्थिति में विशेष कोई सुधार है।

बेरमो के पावर सेक्टर के पास कोयला स्टॉक नाकाफी: बेरमो ऊर्जांचल में भी बिजली की हालत ठीक नही हैं। राज्य सरकार का उपक्रम टीटीपीएस हो या फिर डीवीसी की इकाई बीटीपीएस व सीटीपीएस, किसी के पास 2-3 दिन का तो किसी के पास 5-6 दिन का ही कोयला स्टॉक में है। हालांकि अभी प्रतिदिन रैक से कोयला इन पावर सेक्टरों को जरूर मिल रहा है परंत वह नाकाफी है। अगर इनका स्टॉक नहीं बढ़ाया गया तो बिजली की स्थिति और भी बुरी होने की संभावना है।

पहले के मुकाबले बेरमो में बिजली का उत्पादन घटा: टीटीपीएस की अभी एक ही संचालित यूनिट 210 मेगावाट क्षमता की है परंतु इससे अभी 160-170 मेगावाट ही उत्पादन हो रहा है। वहीं बीटीपीएस का नया ए पावर प्लांट 500 मेगावाट की है परंतु अभी 100 मेगावाट घटा दिया गया है। हालांकि सीटीपीएस की 250-250 मेगावाट क्षमता की दोनों यूनिट से उम्मीद अनुरूप ही उत्पादन हो रहा है।

कोयला उत्पादन बढ़ाने की दिशा में दिया जा रहा जोर: मिले निर्देश के अनुसार बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल ढोरी, बीएंडके व कथारा प्रक्षेत्र में कोयला उत्पादन बढ़ाने को लेकर मानो प्रबंधन ने भी एड़ी-चोट एक कर दिया है। परियोजनाओं में जाकर कोयला उत्पादन की स्थिति का जायजा लेने के साथ-साथ सीसीएल परिवार के बाह्य सदस्यों से भी सहयोग की अपील की जा रही है।

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