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25 साल बाद भी नहीं मिला पत्नी का दर्जा तो किया केस

जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय चास में पदस्थापित लिपिक देवनंदन महतो के खिलाफ हरला थाने की पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट के आदेश पर महिला से धोखाधड़ी करने की प्राथमिकी दर्ज की...

25 साल बाद भी नहीं मिला पत्नी का दर्जा तो किया केस
हिन्दुस्तान टीम,बोकारोFri, 17 Jan 2020 01:14 AM
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जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय चास में पदस्थापित लिपिक देवनंदन महतो के खिलाफ हरला थाने की पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट के आदेश पर महिला से धोखाधड़ी करने की प्राथमिकी दर्ज की है।

शिकायत करने वाली बांधगोड़ा साइड निवासी मंजू देवी ने खुद को लिपिक की पत्नी होने का दावा किया है। मंजू अनुसार वर्ष 1996 में देवनंदन महतो से उनकी शादी हुई थीं। परंतु 25 साल बाद भी देवनंदन ने कानूनी तौर पर पत्नी का दर्जा नहीं दिया है। शिकायत को लेकर मंजू देवी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने हरला पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान करने का आदेश दिया है।

कैसे हुआ खुलासा : दर्ज प्राथमिकी अनुसार पति देवनंदन की सेवानिवृत्ति करीब है। उन्हें कहीं से पता चला कि सर्विस बुक में मंजू देवी के नाम के स्थान पर मीना देवी नामक महिला का नाम दर्ज है। पता किया तो सामने आया कि वह मीना बीएसएल के आवासीय कॉलोनी सेक्टर 11 में रहती हैं।

प्रताड़ना का भी केस : पुलिस की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि मंजू देवी ने लिपिक देवनंदन महतो पर सिटी थाने में प्रताड़ना की प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी। कोर्ट के माध्यम से मंजू देवी व बच्चे को भरण-पोषण भी दिलाया गया। कुछ वर्ष पहले देवनंदन ने कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दायर की थी। लोअर कोर्ट में चाचिका खारिज होने के बाद मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

ट्रस्ट को जाएगी संपत्ति : लिपिक देवनंदन महतो ने हिन्दुस्तान से बातचीत में बताया कि शादी से पहले ही उनकी नौकरी हुई। शादी के बाद पत्नी का व्यवहार सही नहीं था। लड़ाई-झगड़ा कर उसे छोड़कर चली गई। ऐसी स्थिति में उन्होंने सर्विस बुक में नॉमनी का नाम नहीं डाला। उन्होंने मंजू से तलाक लेने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई है। उनकी संपत्ति पर मंजू कोई अधिकार नहीं होगा। पूरी संपत्ति ट्रस्ट को दे देंगे।

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